सिलीगुड़ी (विसंकें). बांग्लादेश स्थित आतंकी गुट जमात उल मुजाहिदिन बांग्लादेश (जेएमबी) तथा एबीटी (अनसाएल्ला बांग्ला टीम) के एजेंट उत्तर बंग में अपने अड्डे बना रहे हैं. और इसमें उनका सहयोग उत्तर बंग स्थित केएलओ (कामतापुर लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन) उनका सहयोग कर रही है. संस्था का कुख्यात सरगना जीवन सिंह काफी वर्षों तक बांग्लादेश में ही रहने की सूचना है. ये सभी असम के धुबरी, ग्यालपारा, बरपेटा जिलों में पुलिस और सुरक्षा बलों की संयुक्त कार्रवाई से भागकर उत्तर बंगाल में शरण ले रहे हैं. वे मालदा, उत्तर दिनाजपुर सहित उत्तर बंग के विभिन्न क्षेत्रों में अपना डेरा जमा रहे हैं. राज्य पुलिस की स्पेशल ब्रांच के सूत्रों के अनुसार धुबरी, बारपेटा जिलों के आतंकी एजेंटों ने सुरक्षित ठिकाने के रूप में उत्तर बंग के क्षेत्रों को चुना है. खुफिया विभाग के अधिकारियों के अनुसार उत्तर पूर्वी भारत के कुछ आतंकी गुटों के साथ बांग्लादेश के फंडामेंटलिस्ट राजनीतिक दल जमात ए इस्लाम के बहुत अच्छे संबंध हैं. इसी कारण बांग्लादेश के आतंकी गुटों को असम सहित उत्तर बंग में पैर जमाने का मौका मिला. यूएलएफए (उल्फा), एनएससीएन (खापलांग), के निर्देश पर ही असम से घर बार छोड़कर भागे मुस्लिम युवाओं और आतंकी गुटों के सदस्यों को उत्तर बंग में शरण देने और रहने का पूरा इंतजाम किया जा रहा है. असम पुलिस के महानिदेशक मुकेश सहाय ने कहा कि बांग्लादेश के जिहादी गुटों के साथ उत्तर पूर्वी भारत के आतंकी गुटों के सुसंबंधों को नकारा नहीं जा सकता.
सूत्रों के अनुसार बांग्लादेश के जेएमबी और एबीटी गुट शेख हसीना सरकार के शत्रु बन गए हैं, सरकार को अस्थिर करने के प्रयास में उन्हें बेघर होना पड़ रहा है. ऐसे लोगों को उल्फा ने अपना दोस्त बना लिया है. उल्फा के परेश बरुआ गुट ने हथियारों और ड्रग्स की स्मगलिंग में एक दूसरे से हाथ मिला लिया है. परेश बरुआ ने ही जीवन सिंह को जेएमबी व एटीबी के आतंकियों को उत्तर बंग में शरण दिलवाने के लिए बाध्य किया. जीवन सिंह इस समय म्यांमार में उल्फा के शिविर में है.