अमेरिका स्थित एक शोध केंद्र और यूएस स्टेट विभाग द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में उग्र वामपंथ के आतंकी संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) को दुनिया का छठा सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन माना गया है. भारत सरकार ने भी इस संगठन को आतंकी संगठन मानकर इस पर प्रतिबंध लगाया है.
इस्लामिक आतंकवाद से दुनिया भली भांति परिचित है, किन्तु वामपंथी आतंकवाद को उदारवाद और क्रांति की आड़ में ढंकने की नव-माओवादियों ने पुरजोर प्रयास किये हैं. शहरी माओवादियों और अर्बन नक्सलियों ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के विचारों को आगे बढ़ाने का काम किया है.
रिपोर्ट के अनुसार माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने वर्ष 2018 में भारत में 176 घटनाओं को अंजाम दिया है, जो भारत में कुल घटनाओं का 26 प्रतिशत है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) द्वारा किए गए इन आतंकी हमलों में 311 लोगों की मौत हुई.
हालांकि गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार यह संख्या कुछ अलग है. इसके अनुसार माओवादी संगठन द्वारा 2018 में 833 हिंसक वारदातों को अंजाम दिया गया, जिसमें 240 लोगों की मौत हुई.
रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि जम्मू कश्मीर के बाद सबसे अधिक आतंकी घटनाओं को छत्तीसगढ़ में अंजाम दिया गया है. माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक सक्रिय है, इसी वजह से छत्तीसगढ़ के आस पास वामपंथी संगठन से जुड़ी आतंकी घटनाएं अधिक हुई हैं.
इनके अलावा सर्वाधिक खतरनाक आतंकी संगठन में अफगानिस्तान के तालिबान (Taliban), आईएस (Islamic State), अफ्रीका का अल-शबाब, बोको हरम और फिलीपींस की वामपंथी पार्टी को शीर्ष पर रखा गया है. इन संगठनों के बाद भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) को खतरनाक आतंकी संगठन माना गया है.
कुछ समय पूर्व भीमा कोरेगांव में हिंसा के आरोप में कथित शहरी माओवादियों को पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया था, उनके खिलाफ भी दुनिया के सर्वाधिक खतरनाक संगठन से जुड़े होने का आरोप है.
अदालत ने गिरफ्तार कथित शहरी माओवादियों के लिए कहा था कि “फरेरा का कार्य संगठन के लिए चंदा उगाही करना था और गोंजाल्विस का काम कैडर भर्ती करना. इसके अलावा सुधा भारद्वाज भी माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी की सक्रिय और वरिष्ठ सदस्य है.”