हमारा सेकुलर मीडिया व सेकुलर नेता किस तरह घटनाओं को तोड़ने–मरोड़ने का काम करते हैं, इसका ताजा उदाहरण कश्मीरी युवकों के साथ मारपीट के बाद सामने आया. इसमें नकली भगवाधारी पड़े गए है, इस सच्चाई के सामने आने के बाद इन सेकुलरों को मानो सांप सूंघ गया हो.
पिछले दिनों लखनऊ में दो कश्मीरी युवकों के साथ मार – पीट की घटना के बाद एनडीटीवी सहित कुछ मीडिया संस्थानों ने भगवा को बदनाम करने की पूरी कोशिश की. एनडीटीवी की खबर के अनुसार भगवाधारी युवकों ने दो कश्मीरी युवकों के साथ अचानक मार – पीट शुरू कर दी. एनडीटीवी ने ये बताना जरूरी नहीं समझा कि मारपीट करने वालों में से एक सपा सरकार में राज्य मंत्री रहे नेता का भाई है.
एनडीटीवी की इस खबर को ‘द वायर’ ने भी शेयर किया. इस घटना के बाद जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी ट्वीट करने में देर नहीं लगाई. उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए ट्वीट किया, ‘आपने इसके खिलाफ बात की थी, लेकिन ऐसा अब भी हो रहा है. यह आपके द्वारा चुने गए मुख्यमंत्री के राज्य में हो रहा है. क्या हम इस मामले में किसी कार्रवाई की उम्मीद कर सकते हैं या फिर हम मान लें कि आपकी चिंता और आश्वासन बस जुमला थे?’
सांसद औवेसी ने भी घटना पर तत्काल बयान जारी किया. सभी ने इस घटना को इस तरह से प्रस्तुत किया कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भगवाधारियों का आतंक है. कश्मीरियों की सुरक्षा खतरे में हैं. पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
कश्मीरी युवकों के साथ मार-पीट की घटना के तुरंत बाद राज्य सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया. अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) आनंद कुमार ने प्रेस को बताया कि “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और अभी तक उत्तर प्रदेश में यह पहली घटना है. इस प्रकार की अन्य कहीं पर कोई घटना नहीं हुई है. कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है.
घटना के कुछ घंटे बाद ही लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने हमला करने वाले युवक की गिरफ्तारी के बारे में मीडिया को जानकारी दी. जिन युवकों ने हमला किया था, उसमें बजरंग सोनकर भी शामिल था. भगवा कपड़े पहनकर कश्मीरी युवकों से मारपीट करने वाला बजरंग सोनकर लखनऊ का रहने वाला है और यह एक हिस्ट्रीशीटर है. इसके खिलाफ पुलिस रिकार्ड में 12 मुकदमे दर्ज हैं. बजरंग सोनकर सपा सरकार में राज्य मंत्री रहे नेता का भाई बताया जा रहा है.
यह लोकसभा चुनावों में माहौल बिगाड़ने की साजिश भी हो सकती है. घटना का खुलासा तो हो गया, मगर अब सेकुलर मीडिया खामोश है और ट्विटर हैंडल पर सन्नाटा पसरा है.