नई दिल्ली. जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में मंगलवार को आतंकी हमले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता चंद्रकांत व उनके निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) घायल हो गए. आतंकियों ने सुरक्षा अधिकारी का हथियार भी छीन लिया. जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र की बहाली तथा आतंकियों के खात्मे से आतंकी संगठन हताशा में हैं. जिस कारण वे अब राष्ट्रीय विचारधारा के कार्यकर्ताओं को निशाना बना रहे हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत सह सेवा प्रमुख चंद्रकात शर्मा (आयु 50 वर्ष) किश्तवाड़ अस्पताल में चिकित्सा सहायक के पद कार्य करते हैं. मंगलवार को किश्तवाड़ में आतंकियों ने अस्पताल परिसर में घुसकर चंद्रकांत शर्मा पर हमला कर दिया, जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए. उनको फौरन अस्पताल में भर्ती करवाया गया. हमले में उनके दो सुरक्षा कर्मियों में से एक सुरक्षा कर्मी राजेन्द्र कुमार बलिदान हो गए, जबकि दूसरे को गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. चंद्रकांत शर्मा की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें जम्मू अस्पताल लाया गया है.
घटना के तुरंत बाद आतंकियों को ढूंढने के लिए किश्तवाड़ में सर्च अभियान शुरू कर दिया गया है. प्रवेश और निकास बिंदुओं को सील कर दिया गया है. मौके पर काफी संख्या में आरएसएस और बीजेपी कार्यकर्ता एकत्रित हो गए हैं. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए किश्तवाड़ में मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया है.
किश्तवाड़ में ये पहला हमला नहीं है. नवंबर 2018 में बीजेपी नेता अनिल परिहार और उनके भाई की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. जिसके हत्यारे अब तक नहीं पकड़े गए हैं. बताया जाता है कि अनिल परिहार के साथ चंद्रकांत पर भी आतंकी हमले की आशंका थी. जिसके चलते उनको सुरक्षा मुहैया कराई गई थी. चंद्रकांत ने उग्रवाद के दौरान अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए बहुत काम किया है, यह उन पर तीसरा हमला है.
प्रशासन द्वारा हमलावरों को तुरंत पकड़ा जाना चाहिए – ब्रि. सुचेत सिंह
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने चंद्रकांत शर्मा पर हुए हमले की निंदा की है तथा हमलावरों को जल्द पकड़ने की मांग की. जम्मू कश्मीर प्रांत संघचालक ब्रिगेडियर सुचेत सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकी हमले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत सह सेवा प्रमुख चंद्रकांत जी घायल हो गए और उनके सुरक्षा कर्मी का बलिदान हो गया है.
चंद्रकांत जी उस पूरे क्षेत्र में राष्ट्रवाद के प्रतीक के रूप में जाने जाते हैं और आतंकवाद के विरोध में समाज का मनोबल बनाए रखने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है.
यह आतंकवादी घटना देशभक्त जनता की आवाज को दबाने का प्रयास है, जिसको किसी भी कीमत पर देशभक्त समाज सफल नहीं होने देगा. देशभक्त जनता आतंकवाद के विरोध में प्रशासन के साथ है. प्रशासन द्वारा हमलावरों को तुरंत पकड़ा जाना चाहिए, जिससे कि देशभक्त जनता का मनोबल मजबूत बना रहे.