पटना (विसंकें). भारतीय किसान संघ द्वारा पटना के गर्दनीबाग स्थित धरना स्थल पर एक दिवसीय प्रदर्शन प्रदेश अध्यक्ष चंद्रमा चौधरी की अध्यक्षता में हुआ. किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए 24 सूत्री मांग पत्र राज्य सरकार को भेजा. जिसमें कृषि उत्पादित वस्तुओं की खरीदारी खलिहान से की जाए, जमीनदारी बांधों को पुनर्जीवित किया जाए, कृषि कार्य हेतु तेलंगाना प्रदेश की तर्ज पर बिहार में कृषि कार्य हेतु निःशुल्क विद्युत आपूर्ति निर्बाध रूप से की जाए, रबी फसल की खरीदारी हेतु क्रय केंद्र यथाशीघ्र खोला जाए, बंद नलकूपों को अविलंब चालू किया जाए आदि सहित 24 मांगों को भारतीय किसान संघ द्वारा रखा गया है.
किसान विभिन्न समस्याओं से जूझते हुए कृषि कार्य कर रहा है. कृषि कार्य का कोई विकल्प नहीं है. विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा सरकारी स्तर पर तो रही है, किंतु नौकरशाही की उदासीनता तथा लापरवाही के कारण किसानों को यथोचित लाभ नहीं मिल पा रहा है. प्रदेश सचिव मनोज कुमार ने कहा कि नपुंसक बीजों की आपूर्ति, अनुदानों का किसानों के खाते में नहीं पहुंचना, किसानों से खुलेआम घूस लेना तथा अमर्यादित व्यवहार नौकरशाहों द्वारा किया जाना, आज आम घटना है. उपरोक्त कारणों से किसान हतोत्साहित एवं आक्रोशित है. किसान तंगी की हालत में जीवन व्यतीत कर रहा है, आज स्थिति यह है कि समस्या का ही दूसरा नाम किसान है. समस्याओं को लेकर किसान मुख्यमंत्री के समक्ष एक दिवसीय धरना दे रहा है.
किसानों ने कृषि मंत्री प्रेम कुमार से मुलाकात कर अपनी प्रमुख 24 सूत्री मांगों को उनके सामने रखा एवं ज्ञापन भी सौंपा. कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि हम किसानों की समस्या पर गंभीरता से विचार करने के लिए तत्पर हैं और जो हमारी सरकार के दायरे में आता है उन समस्याओं को हम हल करने का प्रयास करेंगे.
धरना प्रदर्शऩ में केंद्रीय प्रभारी के रूप में अखिल भारतीय मंत्री मोहिनी मोहन मिश्रा उपस्थित रहे, संचालन प्रदेश महामंत्री ने किया. प्रदेश स्तर एवं सभी जिला स्तर के कार्यकर्ताओं ने कृषि और किसान की समस्याओं को लेकर अपने विचार व्यक्त किये.