शिमला (विसंकें). अखिल भारतीय साहित्य परिषद की दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी कुल्लू के देव सदन में 10 व 11 जून को आयोजित हुई. संगोष्ठी का विषय ‘पर्यावरण संरक्षण में हमारी भूमिका’ था. सम्पूर्ण देश से प्रख्यात साहित्यकार एवं कवि संगोष्ठी में सहभागी हुए. कार्यक्रम का शुभारम्भ परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर जी एवं राष्ट्रीय महामंत्री ऋषि कुमार मिश्र जी ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया. तत्पश्चात् स्थानीय विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती वंदना का गायन हुआ.
प्रथम सत्र में राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर जी को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा हिन्दी साहित्य में उनके उल्लेखनीय योगदान हेतु ‘स्वामी विवेकानन्द हिन्दी सेवी’ सम्मान से सम्मानित करने पर परिषद की कुल्लू इकाई द्वारा श्रीधर जी का अभिनन्दन किया गया. उपस्थित साहित्यकारों ने पर्यावरण विषय पर अपने लेखन एवं शोध रचनाओं ने जानकारी दी. पेरिस का अंतरराष्ट्रीय जलवायु सम्मेलन एवं भारत की वैदिक पर्यावरणीय शिक्षा पर अधिकांश साहित्यकारों ने विचार प्रस्तुत किये. अथर्ववेद में वर्णित पृथ्वी सूक्त ‘माता भूमिः पुत्रोहम् पृथव्याः’ का भी सारगर्भित उल्लेख किया गया. कवि सम्मेलन में उपस्थित कवियों ने समकालीन विषयों पर कविता पाठकर सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध् कर दिया. साहित्यकार एवं कवियों में प्रमुख रूप से डॉ. श्रीराम परिहार, डॉ. साध्ना बलवटे, डॉ. अनिल कुमार, नेशनल बुक ट्रस्ट से बलदेव भाई शर्मा एवं दिल्ली विश्वविद्यालय से डॉ. नीलम राठी ने साहित्य नव रचनाकारों का मार्गदर्शन किया. कार्यक्रम के अंत में साहित्य परिषद हिमाचल प्रदेश की अध्यक्षा ने संगोष्ठी की सफलता पर उपस्थित साहित्यकारों, कवियों, अतिथियों, कुल्लू के स्थानीय प्रशासन एवं देवसदन प्रबंधन समिति का आभार प्रकट किया.