नई दिल्ली. कुशीनगर के बैरागीपट्टी गांव में मस्जिद में बम विस्फोट के मास्टर माइंड हाजी कुतुबुद्दीन को पुलिस ने गुरुवार (नवंबर 15, 2019) को गोरखपुर से गिरफ्तार किया है. मस्जिद में विस्फोट के लगभग 66 घंटे बाद मास्टर माइंड हाजी कुतुबुद्दीन पुलिस के हत्थे चढ़ा.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कुतुबुद्दीन ने पुलिस के समक्ष विस्फोट से जुड़े कई राज खोले हैं. जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है. बताया जा रहा है कि घटना के तार आतंकियों से जुड़े हैं. जिसके कारण अब एजेंसियां मामले के आखिरी सिरे तक पहुंचने के लिए आगे की कड़ियों को जोड़ रही हैं.
इस मामले में पुलिस कुछ भी बोलने से बच रही है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आइजी रेंज गोरखपुर ने भी मस्जिद में हुए विस्फोट के तार राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त संगठनों से जुड़े होने का अंदेशा जताया है. उनके अनुसार “विस्फोट मामले का जल्द ही पर्दाफाश हो जाएगा. आरोपी कुतुबुद्दीन से पूछताछ के लिए एटीएस लखनऊ की टीम डिप्टी एसपी दिनेश सिंह और आईबी वाराणसी की टीम पवन यादव के नेतृत्व में कुशीनगर पहुंच गई है.”
घटना में मुख्य आरोपी के अलावा उसके पोते अशफाक आलम की भूमिका भी सामने आई है. फिलहाल, अशफाक भी एटीएस की हिरासत में है, उसने घटना के बाद से हैदराबाद में शरण ले रखी थी.
मस्जिद में विस्फोट के बाद 4 मौलानाओं को गिरफ्तार किया गया था. जिसमें मस्जिद के मौलाना अजीमुद्दीन ने कुतुबुद्दीन को मास्टर माइंड बताया था. अजीमुद्दीन मस्जिद कमेटी का अध्यक्ष था और उसे बच्चों को नमाज पढ़ाने के लिए भी नियुक्त किया गया था. जहां वह उन्हें उर्दू की तालीम भी देता था.
11 नवंबर को कुशीनगर की मस्जिद में विस्फोट हुआ था. ये विस्फोट इतना जोरदार था कि वहां के ख़िड़की-दरवाजे सब चकनाचूर हो गए थे. दीवारों पर दरारें आ गई थीं और चीजें टूटकर बिखर गईं थी. पहले इसे एक इन्वर्टर बैट्री में धमाका बताया गया, जिस कारण मीडिया में अधिक सुर्खियों में नहीं रहा. लेकिन पुलिस ने धमाके की साइट से फोरेंसिक सैम्पलों को जांच के लिए भेजा तो स्पष्ट हो गया कि धमाका मस्जिद में रखे गए विस्फोटकों से हुआ है.
इसके पश्चात गोरखपुर एटीएस, स्थानीय इंटेलिजेंस यूनिट और अन्य इंटेलिजेंस एजेंसियों ने मामले की जांच शुरू की. जांच के आधार पर इमाम अजीमुद्दीन को साथियों इज़हार, आशिक और जावेद सहित हिरासत में लिया.