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कोराना महामारी से पल्लू झाड़ने वाला चीन अब धमकी पर आया

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नई दिल्ली. चीन के वुहान शहर से फैला कोविड-19 वायरस आज पूरे विषय को अपनी चपेट में ले चुका है. ये वायरस अब तक लाखों लोगों की जान ले चुका है. यही नहीं इसके कारण विश्व की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा है. लेकिन इतना सब होने के बाद जब इस वायरस को लेकर चीन की जवाबदेही पर कोई सवाल उठता है तो वह उसे न केवल सिरे से खारिज करता है, बल्कि अब तो उसने ऐसा साहस करने वालों को धमकी देना भी शुरू कर दिया है, जिसका पहला शिकार ऑस्ट्रेलिया बना है. ऑस्ट्रेलिया ने हाल ही में कोविड-19 वायरस की हैंडलिंग को लेकर स्वतंत्र जांच की मांग की थी, जो किसी भी रूप में चीन को स्वीकार्य नहीं है. उसी का परिणाम है कि आस्ट्रेलिया में चीन के राजदूत चेंग जिंगे ने कहा कि अगर ऑस्ट्रेलिया जांच शुरू करता है तो बीजिंग चीनी नागरिकों को ऑस्ट्रेलियाई निर्यात और उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है.

ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मारिज पायने ने चीन की इस धमकी को “economic coercion” कहा है. उनका कहना है कि उनके देश ने कोविड-19 महामारी की स्वतंत्र समीक्षा के लिए एक आह्वान किया है. यह महामारी गंभीर स्वास्थ्य, आर्थिक और सामाजिक प्रभावों के साथ एक अभूतपूर्व वैश्विक संकट है. चीन के राजदूत के बयान को भी उन्होंने अस्वीकार किया है. उनका मानना है कि एक आकलन के आह्वान पर आर्थिक जबरदस्ती की प्रतिक्रिया सही नहीं है, जबकि इस समय पूरे विश्व को एकजुट होने की आवश्यकता है. उधर, अमेरिका ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि बीजिंग यानि चीन की सरकार महामारी के बारे में दुनिया को जल्द चेतावनी देने में विफल रही है.

उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी को लेकर स्वतंत्र जांच की मांग पर धमकी भरी प्रतिक्रिया ने न केवल चीन के रवैये को उजागर किया है, बल्कि उसके शहर वुहान से पूरे विश्व भर में महामारी बनकर फैले इस वायरस के पीछे चीन की विस्तारवादी नीति जैसे तर्कों को ओर अधिक बल दिया है.

 

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