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कोविड-19 – महामारी से निपटने को माता अमृतानंदमठ ने दिए 13 करोड़

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पीएम केयर्स फंड में 10 करोड़ रुपये, मुख्यमंत्री राहत कोष में 3 करोड़ रुपये दिए

अमृता अस्पताल में कोविड-19 मरीजों का निःशुल्क उपचार

नई दिल्ली. माता अमृतानंदमयी मठ ने 13 करोड़ रुपये की राशि कोविड-19 से निपटने के लिए राहत कोष में दान की है. इस फंड का उपयोग महामारी से बचाव और वायरस से शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से प्रभावित लोगों की राहत के लिए किया जाएगा. इतना ही नहीं कोची स्थित अमृता इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंस – अमृता अस्पताल में कोविड-19 से संक्रमित लोगों का निःशुल्क इलाज भी किया जाएगा. दान की 10 करोड़ रुपये की राशि केंद्र सरकार के पीएम-केयर्स फंड और 3 करोड़ रुपये की राशि केरल सरकार के मुख्यमंत्री राहत कोष में जाएगी.

अम्मा के अनुरोध पर, अमृता विश्वविद्यालय और अमृता अस्पताल ने एक मानसिक-स्वास्थ्य हॉटलाइन (0476 280 5050) स्थापित की है, जहां महामारी के कारण तनावग्रस्त या उदास महसूस करने वाले लोग और इसके प्रभाव से मुक्त होने के लिए सहायता प्राप्त कर सकते हैं. अम्मा ने रूप से डॉक्टरों, मनोचिकित्सकों और मनोवैज्ञानिकों से परामर्श देने के लिए अलग से समय निर्धारित करने का अनुरोध किया था. अम्मा का कहना है कि काउंसलिंग इस समय आवश्यक सेवा है. इसके लिए उन्होंने डॉक्टरों, मनोचिकित्सकों और मनोवैज्ञानिकों से भी अपील की है कि वे चाहे आस्तिक हों या न हों, जिन्हें जरूरत हो, उन्हें मुफ्त परामर्श देने के लिए हर दिन एक या दो घंटे अलग रखें.

अम्मा ने आने वाले दशकों के लिए प्रकृति और उनकी चेतावनी के साथ मानव जाति को अपनी जीवन शैली को बदलने पर बल दिया है और ऐसा नहीं होता है तो प्राकृतिक आपदाओं और बीमारी में वृद्धि होगी. उनका कहना है कि मनुष्य ने प्रकृति के साथ जो स्वार्थी व्यवहार किया है, वे अब इस तरह की महामारियों के रूप में सामने आ रहा है. हमें इस दृष्टिकोण को विकसित करने की आवश्यकता है कि हम प्रकृति के नौकरों के अलावा कुछ नहीं हैं. हमें विनम्रता, सेवा और सम्मान का व्यवहार करना चाहिए. प्रकृति की ताकत के सामने झुकने का समय आ गया है. समय आ गया है कि प्रकृति को सभी अत्याचारों से मुक्त कर दिया जाए. मानव जाति को जगाने के लिए, प्रकृति कोविड-19 के रूप में एक बड़ी चेतावनी दे रही है.

अम्मा के निर्देश पर माता अमृतानंदमयी मठ ने 2005 से अब तक आपदा राहत में 500 करोड़ रूपए से अधिक प्रदान किए हैं. इसमें वित्तीय सहायता, घरेलू सामान, मुफ्त स्वास्थ्य सेवा और यहां तक ​​कि नए घरों के निर्माण आदि का प्रावधान भी शामिल है.

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