पुणे (विसंकें). मुस्लिम समुदाय में बच्चों और लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा स्थापित शहीद अशफाक उल्लाह खान मैमोरियल ट्रस्ट का पुणे में मंच के संरक्षक व मार्गदर्शक इन्द्रेश कुमार जी और पूर्व केन्द्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन ने विधिवत उद्घाटन किया. पुणे के वानवडी इलाके में महात्मा ज्योतिबा फुले सभागृह में संपन्न कार्यक्रम में पुणे विश्वविद्यालय के पूर्व उपकुलपति प्रोफेसर नवल्गुन्द्कर, राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. एसएन पठान, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफज़ल, अबू बकर नकवी, सेवा प्रमुख और ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष अब्बास अली बोहरा, ट्रस्ट के अध्यक्ष और मंच के राष्ट्रीय सहसंयोजक लतीफ़ मगदूम, सहसचिव डॉ. शहीद अख्तर, डॉ.जाकिर हुसैन, शहीद अशफाक उल्लाह खान के वंशज अशफाक उल्लाह, मंच के राष्ट्रीय संगठन सहसंयोजक विराग पाचपोर प्रमुख रूप से उपस्थित थे.
कार्यक्रम में इन्द्रेश कुमार जी और शाहनवाज हुसैन ने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन, गोवा और दादरा नगर हवेली मुक्ति संग्राम में प्रतिभागी स्वातंत्र्य सैनिकों का मानपत्र, शाल एवं पुष्पगुच्छ देकर सम्मान किया. उसी प्रकार अशफाक उल्लाह का भी सम्मान किया गया. इन्द्रेश कुमार जी ने कहा कि अशफाक उल्लाह खान जैसे अनेक क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की बाजी लगा कर देश को आजाद किया, ताकि हम लोग आजादी में खुशहाल रहें. उनको सलाम करना हमारा फर्ज है. इसीलिए मंच ने शहीद अशफाक उल्लाह के नाम ट्रस्ट बनाने का निर्णय लिया है.
उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने मुस्लिम समुदाय में नव जागरण के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया. उनमें अगस्त माह में लखनऊ में संपन्न अखिल भारतीय उलेमा सम्मलेन प्रमुख था, जिसमें देशभर से सम्मिलित मुस्लिम धर्मगुरुओं ने दहशत, दंगा, नफरत और हिंसा मुक्त भारत बनाने की शपथ ली और इसके लिए काम करने का संकल्प किया. पिछले 1000 वर्षों में जो नहीं हुआ, ऐसा काम मंच ने कर दिखाया है. फरवरी- मार्च 2016 में ऐये ही एक और कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इसी प्रकार हरियाणा के मेवात में फिरोजपुर झिलका में मुस्लिम गौपालक सम्मलेन किया गया, जिसमें 127 मुस्लिम गौपलकों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में 8 हजार से अधिक मुस्लिम सम्मिलित हुए थे.
03 दिसंबर को अजमेर शरीफ में अखिल भारतीय मुस्लिम महिला सम्मलेन किया गया, जिसमें देश के सभी प्रान्तों से 7 हजार महिलाएं सहभागी हुई थी. सम्मलेन में मुस्लिम महिलाओं की शिक्षा, सेहत, तलाक, स्वच्छता, आर्थिक स्वावलंबन जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई और महिला कल्याण कोष का गठन किया गया. सम्मेलन में महिलाओं ने चैन्नई में बाढ़ से पीड़ित लोगों के लिए 50450 रुपये इकट्ठा किये. राशि को प्रधानमंत्री रहत कोष में जमा कर दिया है.
इन्द्रेश जी ने कहा कि उनकी उपस्थिति में वाराणसी में 25 नवम्बर को दुनिया का एक अनोखा बैंक शुरू किया गया. अनाज बैंक के नाम से मशहूर इस बैंक से ऐसे गरीब लोगों की मदद की जाती है, जिन्हें दो जून की रोटी नसीब नहीं होती. अभी ऐसे 103 परिवारों (82 मुस्लिम परिवार) को मदद की जा रही है. इस प्रकार का अनाज बैंक देश के अन्य शहरों में भी शुरू करने की योजना है.
उन्होंने कहा कि इन्सान की जिन्दगी में तालीम का महत्त्व है क्योंकि तालीम से ही मनुष्य हिंसामुक्त, नफरत मुक्त हो सकता है. तालीम तहजीब भी सिखाती है जो इन्सान से फरिश्ता बनने में मनुष्य की सहायता करती है. इस ट्रस्ट के जरिये मुस्लिम समुदाय के होनहार पर गरीब बच्चों की शिक्षा में सहायता की जाएगी. समाज के कमजोर वर्गों के बच्चों को विशेष रूप से मदद की जाएगी, जिससे समाज तालीमयाफ्ता बने.
पूर्व केन्द्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि अपना स्तर बढ़ाने में समाज को स्वयं आगे आना होगा. शिक्षा और साक्षरता से समाज का स्तर बढ़ सकता है. इसलिए शिक्षा पर अधिक ध्यान देने की जरुरत है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार धर्म, भाषा, पंथ से ऊपर उठकर बिना किसी भेदभाव के सभी को शिक्षा के अवसर प्रदान करने में प्रतिबद्ध है. कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रोफेसर नवल्गुन्द्कर और विशिष्ट अतिथि डॉ. एसएन पठान ने भी अपने विचार व्यक्त किये. शहीद अशफाक उल्लाह खान के पोते अशफाक उल्लाह ने कहा कि हिन्दू-मुस्लिम सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए मंच का काम सराहनीय है. उनके दादाजी और रामप्रसाद बिस्मिल बहुत अच्छे साथी थे और देश के लिए कुर्बान हो गए. ऐसे क्रांतिकारी नेताओं के बारे में नयी पीढ़ी को जानकारी हो, इस उद्देश्य से पाठ्यक्रम में शामिल करना आवश्यक है. मंच के सह संयोजक और ट्रस्ट के अध्यक्ष लतीफ़ मगदूम ने ट्रस्ट की भूमिका बताई. सहसचिव डॉ. शहीद अख्तर ने धन्यवाद ज्ञापन किया और राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ.