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गुमराह न हों, हम एक देश, एक जन और एक ही राष्ट्र : इन्द्रेश कुमार

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DRI- Ekatm Manav Darshanनई दिल्ली (इंविसंके). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इन्द्रेश कुमार जी ने कहा कि पंडित दीनदयाल हमेशा दूसरों के लिये जीते थे और एकात्म मानववाद को जीवन का सच्चा दर्शन मानते थे. उनके अनुसार व्यक्ति का चाल चलन ही उसकी गारंटी होता है. उन्होंने कहा कि आज लोगों को दीनदयाल जी से प्रेरणा लेने की जरूरत है. लोगों को समझने की जरूरत है कि हम एक देश, एक जन और एक ही राष्ट्र हैं, ना कि गुमराह होकर लड़ने और भड़कने की.

शुक्रवार 20 फरवरी शाम को पं. दीन दयाल शोध संस्थान में ‘राजनीति के संत दीनदयाल जी’ उपन्यास के विमोचन कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद प्रभात झा ने कहा कि ये पुस्तक बहुत ही सरल और जनभाषा में लेखक एवं संघ कार्यकर्ता गुलरेज शेख ने लिखी है. पंडित दीनदयाल उपाध्याय को पढ़ने वाला जीवन में कभी विषाद में नहीं जा सकता. पंडित जी का दर्शन न केवल पढ़ने वाला है, बल्कि पढ़कर जीने वाला दर्शन है. उन्होंने कहा कि पंडित जी का दर्शन राष्ट्रवाद से भरा था और उनके जीवन के तथ्यों को इस पुस्तक में संजोया गया है.

राज्य सभा सदस्य डॉ. महेश चंद्र शर्मा ने कहा कि पंडित जी हमेशा प्रसिद्धि से स्वयं को दूर रखते थे. उनके समय के लोग आश्चर्य करते थे कि जनसंघ जैसा राजनीतिक दल आगे कैसे चल रहा है. वे लोगों को कार्य करके प्रेरणा देते थे. गोवा मुक्ति आंदोलन में उन्होंने विशेष भूमिका निभाई थी. उन्होंने कहा कि हिन्दू राष्ट्र बनाने की बात नासमझी है, राष्ट्र बनाये नहीं जाते, वह पैदा होते हैं.

राष्ट्रवादी विचारक पद्मश्री मुज़फ्फर हुसैन ने सभी को पुस्तक को पढ़ने का आग्रह किया. उपन्यास के लेखक गुलरेज शेख ने कहा कि उपन्यास को लिखने की प्रेरणा इन्द्रेश जी ने दी. आभार ज्ञापन करते हुए गुलरेज शेख ने कहा कि वे महसूस करते हैं कि दीनयाल जी सिर्फ व्यक्ति नहीं, बल्कि अप्रतिम एवं कल्याणकारी विचार का नाम है. इसलिये उन्होंने उनके व्यक्तित्व से जुड़े सभी तथ्यों को उपन्यास में जोड़ने की कोशिश की है.

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