नई दिल्ली. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का दमन थमने का नाम नहीं ले रह है. सिक्खों के पवित्र धर्म स्थलों में से एक श्री ननकाना साहिब गुरुद्वारा पर शुक्रवार को सैकड़ों लोगों की भीड़ ने पत्थरबाजी की. भीड़ ने श्री ननकाना साहिब में रहने वाले सिक्खों के साथ मारपीट की और उनके घरों पर पत्थरबाजी भी की. वहां पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है, मगर हालात तनावपूर्ण हैं.
सोशळ मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक कट्टरपंथी सिक्खों को ननकाना साहिब से भगाने के बारे में कह रहा है, वहीं इस पवित्र शहर का नाम बदलकर गुलाम अली मुस्तफा करने की धमकी दे रहा है. सिक्ख समुदाय के लोग गुरुद्वारे के अंदर फंसे हुए हैं और ननकाना साहिब पर हमले की आशंका से सिक्ख समुदाय के कई लोग घरों में छिपे हुए हैं.
पिछले साल ज्ञानी भगवान सिंह की बेटी जगजीत कौर का अपहरण कर उसका धर्मांतरण करवाने वाले मोहम्मद हसन के रिश्तेदार राणा मंसूर ने भीड़ को उकसाया और ननकाना साहिब के गेट पर पथराव किया. घटना उस समय हुई, जब मुस्लिम समुदाय के लोग जुमे की नमाज अदा करने के बाद घर लौट रहे थे. ननकाना साहिब में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ननकाना साहिब के मुख्य बाजार में हल्ला किया.
भीड़ ने श्री ननकाना साहब में रहने वाले सिक्खों के घरों पर पत्थर मारे. राणा मंसूर ने धमकी दी कि इस शहर का नाम बदल कर ग़ुलाम-ए-मुस्तफा कर दिया जाएगा. राणा मंसूर ने ललकारते हुए कहा कि ननकाना साहिब से सिक्खों को बाहर निकाला जाएगा.