नई दिल्ली. गुरु नानक देव जी प्रेम, शान्ति व आध्यात्मिक शक्ति वाले एक दिव्य पुरुष थे. वे लोक मंगल के लिए इस धरती पर उतरने वाले एक ऐसे महात्मा थे जिन की वाणी के बिना कोई भी सत्संग अधूरा सा लगता है. गुरु नानक देव की जयंती के अवसर पर आयोजित यज्ञ के अवसर पर बोलते हुए विहिप दिल्ली के मीडिया प्रमुख व आर्य समाज संत नगर के कार्यकारी प्रधान श्री विनोद बंसल ने कहा कि आज से लगभग 543 वर्ष पूर्व तलबंडी (ननकाना साहिब) के एक हिन्दू खत्री परिवार में जन्मे गुरू नानक देव जी ने अपना पूरा जीवन समाज व राष्ट्र कल्याण में लगा दिया.
गुरु नानक जयंती के अवसर पर दक्षिणी दिल्ली स्थित आर्य समाज-संत नगर ने आज एक नानकवाणी यज्ञ का आयोजन किया. इस अवसर पर आर्य विदुषी श्रीमती विमलेश आर्या ने कहा कि नानक के पद गुरू ग्रंथ साहिब व उनकी रचना जपुजी साहिब, असादीवार, रहिरास तथा सोहिल जैसे ग्रंथों में वेद, उपनिषद, रामायण, श्रीमद भागवदगीता व महाभारत आदि सभी का समावेश है.
इस अवसर पर आर्य समाज के संरक्षक श्री राम किशन, कोषाध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सूद, श्री जसबंत राय, विहिप के सह प्रखंड मंत्री श्री संजय सिकरिया, समाज सेवी श्री पवन अग्रवाल, श्रीमती प्रतिभा अग्रवाल, हितेश, राज कुमारी, कुसुम, कुमारी विदुषी, वंशिका, ओजस्वी, श्रुति, व दक्ष सहित अनेक लोगों ने यज्ञ में विशेष आहुतियाँ दीं तथा गुरु नानक देव जी के जीवन तथा कार्तिक पूर्णिमा के महत्व पर प्रकाश डाला. इसमें समाज के हर वर्ग के लोगों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया.