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गोरखपुर – संज्ञा समझाने के लिए शिक्षिका शादाब ने दिया पाकिस्तान का उदाहरण

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उदाहरण – पाकिस्तान हमारी प्रिय मातृभूमि है, मैं पाकिस्तान की सेना में शामिल होउंगा

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में एक शिक्षिका ने संज्ञा,  समझाने के लिए पाकिस्तान का सहारा लिया. शिक्षिका ने पढ़ाया – पाकिस्तान हमारी प्रिय मातृभूमि है. रशीद मिनहद एक बहादुर सैनिक था….ऐसे अन्य उदाहरण दिए, जब अभिभावकों ने रोष जताया और विवाद बढ़ने लगा तो शिक्षक की ओर से अजीब तर्क दिया गया कि गूगल ने सबसे छोटे उदाहरण ढूंढ कर बच्चों को बताए, उन्होंने ध्यान नहीं दिया कि नाम क्या लिखा है. सवाल यह कि गूगल से ही पढ़ाना है तो अभिभावक भी पढ़ा लेंगे, फिर शिक्षक की आवश्यकता क्या है और दूसरा भारत में बच्चों को समझाने के लिए पाकिस्तान हमारी प्रिय मातृभूमि है, का उदाहरण लापरवाही या अनजाने में नहीं, बल्कि जानबूझकर ही दिया गया. जितना आसान शिक्षिका द्वारा दिया गया उदाहरण है, उतनी ही आसानी से भारत हमारी प्रिय मातृभूमि है, के उदाहरण से भी बच्चों को संज्ञा को समझाया जा सकता था. इसके पीछे की मंशा कहीं बच्चों में देश के प्रति नफरत भरने की तो नहीं.

मामला गोरखपुर के जीएन पब्लिक स्कूल से संबंधित है. कक्षा चार सेक्शन-ए की क्लास टीचर ने ऑनलाइन शिक्षण के लिए बने वाट्सएप ग्रुप पर नाउन (संज्ञा) की परिभाषा को समझाने के लिए पाकिस्तान के उदाहरण दिये. जब अभिभावकों ने ऑनलाइन क्लास ग्रुप पर पाकिस्तान के उदाहरण देखे तो लोग काफी नाराज हुए. कुछ अभिभावकों ने तुरंत वाट्सएप ग्रुप का स्क्रीन शॉट लेकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. जब मामला ज्यादा गंभीर होने लगा तब शिक्षिका शादाब ने तुरंत पाकिस्तान शब्द को हटा दिया.

उदाहरण – पाकिस्तान हमारी प्रिय मातृभूमि है, मैं पाकिस्तानी सेना में शामिल होऊंगा, रशीद मिनहद एक बहादुर सैनिक था. ये तीन उदाहरण देकर बच्चों को समझाने का प्रयास किया गया कि तुम्हारा रिश्ता भारत से नहीं पाकिस्तान से है.

शादाब खानम द्वारा ऑनलाइन शिक्षण कार्य के दौरान पाकिस्तान को लेकर दिए आपत्तिजनक उदाहरण की विद्यालय प्रबंधन ने कड़े शब्दों में निंदा की है. मामला संज्ञान में आने के बाद शिक्षिका से पूछा है, उन्होंने स्वीकार किया है कि उनसे गलती हो गई है. विद्यालय प्रबंधन ने मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी. नोटिस भेजा गया है. स्पष्टीकरण के बाद कार्रवाई होगी. विद्यालय प्रबंधन ने कहा कि शिक्षिका का यह अपराध अक्षम्य है. विद्यालय की तरफ से एनसीईआरटी द्वारा प्रमाणित पुस्तकों का अवलोकन करते हुए ही अध्यापन कार्य करने की अनुमति है. हमें अपनी राष्ट्रीयता का हर स्तर पर सम्मान करना होगा. जो भी इसके विरुद्ध आचरण करेगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी.

सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद शिक्षिका शादाब खानम ने सफाई देते हुए कहा मेरा मकसद बच्चों को आसान तरीके से संज्ञा समझाना था. इसके लिए मैंने गूगल से सर्च कर सबसे छोटा उदाहरण ढूंढ़ा था. मैंने यह नहीं देखा कि पाकिस्तान है, चाइना है या फिर अमेरिका. जब बाद में मेरे संज्ञान में आया कि इससे लोगों को तकलीफ पहुंची है, तब मैंने पाकिस्तान शब्द हटा दिया है.

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