जैसलमेर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक दुर्गादास जी ने कहा है कि समस्त प्राकृतिक चक्र में गाय धुरी के समान है और गोवंश का संरक्षण करना प्रत्येक मनुष्य का कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि कैसी भी परिस्थिति हो हमें गोमाता को बेसहारा नहीं छोड़ना चाहिये.
दुर्गादास ने शुक्रवार, 5 दिसंबर को जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सीमाजन कल्याण समिति द्वारा संचालित किये जा रहे ‘नंदीग्राम’ और गो शिविरों का अवलोकन करने के उपरांत ग्रामीणों से मुलाकात में यह उद्गार प्रकट किये. इस अवसर पर संघ के जिला संघचालक त्रिलोकचंद खत्री, सीमाजन के जिलामंत्री शरद व्यास, अमरसिंह सोढ़ा और वानप्रस्थी कार्यकर्ता जसाराम उनके साथ थे.
जिलामंत्री श्री व्यास ने बताया कि क्षेत्रीय प्रचारक ने देवीकोट में ‘नंदीग्राम’ की कल्पना साकार करने के लिये सीमाजन कल्याण समिति की सराहना की. उन्होंने कहा कि अत्यंत कम समय और अत्यल्प साधनों से एक हजार से अधिक नर गोवंश का संरक्षण किया जाना समिति का एक अनुकरणीय प्रयास है. आशापुरा मंदिर के ओरण क्षेत्र में बनाये गये नंदीग्राम की व्यवस्थाओं को देखकर क्षेत्रीय प्रचारक ने प्रसन्नता प्रकट की और कहा कि बेसहारा नर गोवंश को यहां पूरा आसरा मिला हुआ है, यह अपने आप में बड़ी बात है.
क्षेत्रीय प्रचारक दुर्गादास जी ने चेलक में समिति के गो शिविर का अवलोकन किया और व्यवस्थाओं के बारे में आसपास के ग्रामीणों से जानकारी ली. ग्रामीणों ने शिविर में गायों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता प्रतिपादित की. इस पर दुर्गादास जी ने कहा कि जैसे ही राज्य सरकार से अनुमति मिलेगी, गो शिविरों में गायों की संख्या में वृद्धि कर दी जायेगी. उन्होंने ग्रामीणों से शिविर व्यवस्थाओं में पूर्ण सहयोग देने का आह्वान किया. इसी तरह से क्षेत्रीय प्रचारक ने खुहड़ी पंचायत के अंतर्गत आई नीम्बसिंह की ढाणी और खुहड़ी में समिति की ओर से संचालित किये जा रहे गो शिविरों का भी निरीक्षण किया. उन्होंने गायों के लिए चारे-पानी व दाने की व्यवस्था के साथ-साथ उनके रहने के लिये की गई व्यवस्थाओं का अवलोकन किया और उन पर संतोष जताया.
विभिन्न शिविरों का अवलोकन करते हुए दुर्गादास जी ने कहा कि गोवंश का संरक्षण अत्यंत पवित्र कार्य है. यह कार्य करने का अवसर परमात्मा के आशीर्वाद से मिलता है. उन्होंने आधुनिकता के दौर में गोवंश की उपयोगिता को सदैव याद रखने पर जोर दिया. क्षेत्रीय प्रचारक ने कहा कि, गाय भारतीय सभ्यता और संस्कृति का केन्द्र बिंदु रही है. इसकी महिमा अपार है. अकाल की घड़ी में पशुपालकों को हरसंभव प्रयास कर गोवंश को बचाना चाहिये.
दीपक साहेब से की भेंट
खुहड़ी पहुंचने पर क्षेत्रीय प्रचारक दुर्गादास जी ने ईश्वरदास ठिकाना पहुंचकर संत दीपक साहेब से भेंट की. उन्होंने इस क्षेत्र में दीपक साहेब के आध्यात्मिक और सामाजिक कार्यों की सराहना की.