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चार दिन कोमा में रहने के पश्चात रेवत सिंह ने अंतिम सांस ली

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थाली बजाने व दीपक जलाने को लेकर रंजिश में रेवत के साथ हुई थी मारपीट

जोधपुर. पोकरण के माडवा गांव के रेवत सिंह ने चार दिन कोमा में रहने के पश्चात पांचवे दिन 9 अप्रैल को जोधपुर में अंतिम सांस ली. रेवत सिंह के साथ जिहादी तत्वों ने मारपीट की थी. उसकी गलती इतनी थी कि उसने प्रधानमंत्री के आह्वान पर जनता कर्फ्यू वाले दिन थाली बजाई थी और राम नवमी के दिन दीया जलाया था. इसी की रंजिश के चलते उसके साथ मारपीट की गई थी. उसके सिर पर लाठी से वार किया गया था.

जैसलमेर के माडवा गांव का रहने वाले रेवत सिंह ने प्रधानमंत्री के आह्वान पर जनता कर्फ्यू, 22 मार्च के दिन थाली बजाई व रामनवमी, 02 के दिन दीया जलाया था. जिस पर पड़ोस में रहने वाले 7-8 युवकों ने उसके घर जाकर धमकाया था, और कहा था कि यहां उनका कानून चलता है, जो कहेंगे उसे मानना होगा. लेकिन रेवत सिंह ने उनकी को अनसुना कर दिया था. इससे नाराज मुस्लिम युवकों ने 04 अप्रैल को राशन की दुकान से वापस लौटते समय उसके साथ मारपीट की थी.

रेवत सिंह के परिवार में पत्नी व चार बच्चे सहित एक छोटा भाई है. रेवत की मौत ने उनके पूरे परिवार को बेसहारा कर दिया है. उसकी पत्नी तीन साल से मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं और हर माह उन्हें इलाज के लिए अस्पताल जाना होता है.

रेवत सिंह के भतीजे ने भणियाणा थाने में आरोपी दिलदार खां, फिरोज खां और इकबाल के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है. पीड़ित परिवार की मांग है कि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए और उनके परिवार की आर्थिक मदद की जाए.

केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने ट्विट कर कहा कि घटना के बाद भी प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने अति संवेदनशील मामले को गंभीरता से नहीं लिया तथा थानाधिकारी ने दबाव में आकर बदनियती से ग़लत FIR दर्ज की, व पीड़ित परिवार के साथ पक्षपात किया. उन्होंने इस विषय को संज्ञान में लेते हुए स्थानीय लोगों के साथ मिलकर प्रशासन पर दबाव बनाया और सरकार से बात की, तब कहीं जाकर दोषियों के खिलाफ धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ. थाना अधिकारी को भी निलंबित करने का सरकार ने भरोसा दिलाया है. साथ ही घटना की सही जांच हो, इसके लिए डीएसपी स्तर के अधिकारी को अधिकृत करने का भी भरोसा दिलाया है. शेखावत ने व्यक्तिगत स्तर पर  एक लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है.

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