प्रांत में लगभग 600 स्थानों पर 4 हजार से अधिक स्वयंसेवक सक्रिय
24,671 परिवारों को राशन सामग्री वितरित की, 3,33,450 भोजन पैकेट वितरित किए
अन्य संगठनों के सहयोग से मजदूरों के परिवारों के आवास की व्यवस्था भी की
51 हजार से अधिक फेस मास्क वितरित किए, 146 संस्थाओं का मिल रहा सहयोग
चित्तौड़. देश में कोरोना महामारी के चलते उत्पन्न विपदा के समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व अनुषांगिक संगठनों के स्वयंसेवक और कार्यकर्ता चित्तौड़ प्रांत के विभिन्न क्षेत्रों में अनेक राहत कार्यों में लगे हुए हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा चित्तौड़ प्रांत में 21 मार्च से प्रारंभ किए अभियान में 19 अनुषांगिक संगठनों, 146 सामाजिक संस्थाओं का सहयोग मिला है. जिनके माध्यम से 584 स्थानों पर 4085 स्वयंसेवक दिन रात सेवा कार्यों में लगे हुए हैं. संघ के अनुषांगिक संगठनों में सेवा भारती, विश्व हिंदू परिषद, वनवासी कल्याण आश्रम, हिंदू जागरण मंच, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भा.म.सं., सक्षम, किसान संघ, विद्या भारती, एन.एम.ओ., आरोग्य भारती, लघु उद्योग भारती, अधिवक्ता परिषद, क्रीड़ा भारती, शिक्षक संघ, सहकार भारती, स्वदेशी जागरण मंच, ग्राहक पंचायत, बांसवाड़ा परियोजना, ब्यावर परियोजना आदि सेवा कार्य में लगे हैं.
सेवा कार्यों के तहत प्रतिदिन भोजन पैके व राशन सामग्री वितरित की जा रही है. अभी तक विभिन् स्थानों पर 24,671 परिवारों को राशन सामग्री की किट वितरित की गई है, तथा जरूरतमंदों को 3,33,450 भोजन के पैकेट वितरित किए गए हैं. साथ ही विपत्ति की यह मार कहीं बेगुनाह-बेजुबान पशुओं पर न पड़े, इसे ध्यान में रखते हुए पशुओं के लिए चारे की उपयुक्त व्यवस्था की गई है. प्रतिदिन हरे चारे के पूलों का वितरण किया जा रहा है, अब तक लगभग 15 ट्रक हरे चारे के वितरित किए गए हैं. मछली और श्वान एवं बंदरों के लिए प्रतिदिन दाना पानी भोजन की व्यवस्था भी नियमित रूप से की जा रही है पक्षियों के लिए प्रतिदिन चुग्गा दाने का प्रबंध किया जा रहा है.
इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर फेस मास्क व सेनेटाइज़र का वितरण भी किया जा रहा है. अभी तक 51,250 मास्क और 4811 सेनेटाइज़र वितरित किए गए हैं. संक्रमण को रोकने के लिए गली मोहल्लों सेनेटाइजेशन का कार्य भी चल रहा है. जरूरतमन्द व्यक्तियों को 23,930 साबुन, 1500 नैपकिन, 3000 दस्ताने, 1000 पदवेश, 4200 पानी की बोतलें और 1000 बिस्किट के पैकेट वितरित किए गए हैं.
लॉकडाउन का पालन करवाने के लिए जगह – जगह पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं, जिनके लिए प्रतिदिन पानी एवं चाय की व्यवस्था भी की जा रही है. गुजरात, कर्नाटक व अन्य राज्यों से आए लगभग 1,00,000 मजदूरों के लिए भोजन, पानी, बिस्किट व बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा विभिन संगठनों द्वारा अलग-अलग प्रांतों से आए मजदूरों व उनके परिवारों के लिए ठहरने की उचित व्यवस्था भी की गई है.
लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देने के लिए डॉक्टरों द्वारा ऑनलाइन परामर्श चिकित्सा भी शुरू की गई है, जिसके माध्यम से लोग अपनी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के बारे में डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं. प्रांत के ब्लड बैंकों में रक्त की कमी न हो, इसके लिए समय-समय पर विभिन्न संगठनों द्वारा रक्तदान शिविर भी लगाए जा रहे हैं. इसके अलावा यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने में प्रशासन का सहयोग भी स्वयंसेवी संगठनों द्वारा नियमित रूप से किया जा रहा है. वरिष्ठ नागरिक, जिनके बच्चे बाहर रहते हैं उन सभी परिवारों की देखभाल का जिम्मा स्वयंसेवकों ने उठाया है.