बैतूल (विसंकें). कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए घोषित लॉकडाउन में जरूरतमंदों की सहायता के लिए विद्या भारती मध्य भारत के अंतर्गत जनजाति क्षेत्र में कार्यरत विद्यालय एवं एकल विद्यालयों के आचार्य, दीदी, छात्र-छात्राएं एवं पूर्व छात्र निरंतर सेवा कार्य संचालित कर रहे हैं. इनमें आर्थिक रूप से कमजोर और असहाय लोगों को भोजन, राशन एवं मास्क उपलब्ध कराए जा रहे हैं. स्वास्थ्य सेवाओं में भी सहयोग दिया जा रहा है.
शहर कस्बों से वापिस गांव आ रहे लोग गांव के अनुशासन का पालन कर जांच व आइसोलेशन की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं. संगठन के बुधपाल सिंह सिंह ठाकुर ने बताया कि जनजाति ग्रामों में संचालित सरस्वती शिशु मंदिर एवं एकल विद्यालय मुश्किल समय में सेवा कार्य कर रहे हैं.
बैतूल जिले के मजदूर लौटे अपने गांव
बैतूल जिले के भैंसदेही, भीमपुर, आठनेर, प्रभातपट्टन, मुलताई विकास खंडों के 95 प्रतिशत मजदूर महाराष्ट्र में कपास, संतरे, चना के खेतों में काम करने गए थे. कुछ लोग पुणे, कोल्हापुर, मुंबई, नागपुर, परतवाड़ा, अमरावती जैसे नगरों में विभिन्न कंपनियों में काम कर रहे थे. जिले के चिचौली, शाहपुर, बैतूल, आमला, घोड़ाडोंगरी विकासखंडों के मजदूर हरदा, होशंगाबाद जिलों के किसानों के खेतों में फसल कटाई आदि के काम करने गए थे. कुछ युवक भोपाल, मंडीदीप, इंदौर, पीथमपुर, छिंदवाड़ा, नागपुर, हैदराबाद, गुजरात, हरियाणा, तमिलनाडु, कन्याकुमारी आदि स्थानों पर विभिन्न फैक्टरियों, कंपनियों आदि में काम करने गए थे. अब ये सब अपने गाँव वापस लौटे हैं.
बिना जांच के नहीं आने दे रहे गांव में
कोरोना महामारी का डर सबको सता रहा है, इसलिए गाँव के लोगों ने बाहर से आने वालों पर पूर्ण रोक लगा दी है. यदि बाहर गया गाँव का व्यक्ति भी वापस लौट रहा तो वह बिना जाँच के गाँव में नहीं आ सकता है. इस स्थिति में गाँव में बाहर से आने वाले अपने ही गाँव के व्यक्ति को लोग बिना जाँच के गाँव में नहीं आने दे रहे हैं. बाहर से लौट रहे मजदूर भी अपने गाँव का अनुशासन मान रहे हैं. जब तक उनकी जाँच पूरी नहीं हो जाती तब तक वे स्वतः ही गाँव के बाहर पंचायत द्वारा स्कूल में बनाए गए आश्रय भवन या मंदिर में ही रह रहे हैं.
412 गांवों में 2986 मजदूरों के भोजन आदि की व्यवस्था की जा रही
गाँव की व्यवस्था में ग्राम पंचायत, ग्राम कोटवार, आँगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता के साथ विद्या भारती के आचार्य -दीदी व संयोजक मंडल के सदस्य भी प्रशासन को पूरा सहयोग कर रहे हैं.
बैतूल जिले में 412 गाँव में प्रत्यक्ष मोबाइल वार्ता कर पाया कि 165 गाँव के 2986 मजदूरों की व्यवस्था बनाने में विद्या भारती जनजाति शिक्षा के 250 कार्यकर्ता लगे हुए हैं.
भैंसदेही, किला खंडारा, अनकावाड़ी, बाचा, बन्नूढ़ाना आदि केंद्रों पर मुसीका (मास्क) बनाकर निःशुल्क वितरण किए गए हैं. कुछ गाँवों में जरुरतमंदों को खाद्य सामग्री देकर भी सहयोग कर रहे हैं.