जयपुर (विसंकें). जयपुर के मानसरोवर स्थित बड़ाया सभागार में युवा संसद 2018 का उद्घाटन स्वामी प्रज्ञानंद महाराज के सान्निध्य एवम् गोस्वामी सुशील महाराज जी (भारतीय सर्व धर्म संसद के राष्ट्रीय संयोजक) के मुख्य आतिथ्य में हुआ. उद्घाटन सत्र में धर्म जागरण मंच के अखिल भारतीय निधि एवम् विधि प्रमुख राम कुमार जी मुख्य वक्ता, मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर के कुलपति प्रोफेसर जे.पी. शर्मा जी ने उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता की.
मुख्य वक्ता राम प्रसाद जी ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी ही देश की दशा और दिशा बदल सकती है. अतः युवा पीढ़ी को देश सेवा के लिए समय निकालकर आगे आना चाहिए. स्वामी प्रज्ञानंद महाराज जी ने कहा कि अगर हमारा राष्ट्र सुरक्षित रहेगा, तभी हम सुरक्षित रह पाएंगे. अतः राष्ट्र की मुख्य धारा से युवाओं को जुड़कर देश की सेवा करनी चाहिए. उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि भारतीय सर्व धर्म संसद के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि देश की मुख्य धुरी और प्राण वायु की प्रतीक युवा पीढ़ी द्वारा ही अखंड भारत की परिकल्पना को पुनः साकार एवम् स्थापित किया जा सकता है और हिन्दुस्थान शब्द का महत्व समझ कर युवा शक्ति को राष्ट्र हित में कार्य करना चाहिए. प्रोफेसर जे.पी. शर्मा जी ने कहा कि धारा 370 के सभी पक्षों को समझकर इस विषय पर उचित कदम उठाना अति आवश्यक है.
युवा संसद में 545 सांसद प्रतिनिधियों ने लिया हिस्सा
देशभर से लगभग ढाई हजार प्रविष्टियाँ आई. जिनमें से 545 सांसद प्रतिनिधियों का चयन किया गया. उनमें मुख्य रूप से प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष सहित सभी की पदों की गरिमामय उपस्थिति में विधिवत कई संसद सत्र हुए तथा धारा 370 पर पक्ष विपक्ष में बहस हुई. प्रो. आशुतोष पंत जी ने कहा कि गुरूवार को विभिन्न सत्रों में कई विचारक चिंतक एवम् वक्ता संबोधित करेंगे. जिनमें प्रमुख रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक इन्द्रेश कुमार जी, आशुतोष भटनागर जी, प्रो. आर.के. कोठारी जी, एस.के. पोद्दार जी, कैलाश चंद्र जी, प्रो. भगवती प्रसाद शर्मा जी, बी.के. सिंह जी, प्रो. एन.पी. कौशिक जी सहित अन्य गणमान्य लोग तीनों दिन मौजूद रहेंगे. हिमालय परिवार के राष्ट्रीय महामंत्री दिलबाग सिंह जी ने बताया कि धारा 370 की वर्तमान प्रासंगिकता, कश्मीर मुद्दा एवम् राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका विषय सहित कई राष्ट्रीय बिन्दुओं, राष्ट्र निर्माण हित ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा सत्र होंगे.