चंडीगढ़ (विसंकें). हरियाणा विधानसभा से संसद तक जिस चर्च को तोडऩे का मुद्दा गूंजा, उसका सच चौंकाने वाला है. सच यह है कि जिस गांव में चर्च बनाया जा रहा था, वहां एक भी ईसाई नहीं है. मामले का खुलासा खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा में दिये बयान में किया.
उन्होंने बताया कि जो व्यक्ति चर्च का निर्माण करा रहा था, उसके खिलाफ जबरन धर्मांतरण कराने की शिकायत भी मिली है. जिस गांव में चर्च का निर्माण किया जा रहा है, वहां कोई भी परिवार ईसाई समुदाय का नहीं है. मुख्यमंत्री ने बताया कि क्षेत्र में तीन-चार साल पहले जगदीश नामक व्यक्ति ने सात एकड़ जमीन खरीदकर एक कालोनी बनाई थी. इसी कालोनी में सुभाष मसीह नामक व्यक्ति एक मकान किराए पर लेकर रह रहा था. वह घर के पास ही 250 गज जमीन 12 लाख रुपये में खरीदकर दो कमरे का मकान बना रहा था. आठ फरवरी को वह निर्माण में लगे मजदूरों को बाइबिल का पाठ पढ़ा रहा था, जिस पर मजदूरों ने ऐतराज जताया. मामले ने तूल पकड़ा तो गांव के सरपंच ने भी सुभाष मसीह को समझाकर मामला शांत कराया.
मुख्यमंत्री ने बताया कि घटना के बाद सुभाष कुछ दिन के लिए कहीं चला गया और लौटकर उसने 14 लोगों के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज कराया. सुभाष मसीह ने दो कमरे के मकान को ही चर्च बताया है. इसे लेकर ग्रामीणों में रोष है और वे आयुक्त से मिलने वाले हैं. इस बीच उमेध सिंह नामक व्यक्ति ने सुभाष मसीह पर जबरन धर्मांतरण कराने की कोशिश का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है.
धर्मांतरण पर दिया गया शादी का ऑफर
हिसार (विसंकें). धर्मांतरण को लेकर गांव के लोगों ने नए आरोप लगाए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि लालच के अलावा युवाओं को धर्म बदलने के बाद शादी का ऑफर तक दिया गया था. गांव में अनुसूचित वर्ग के एक युवा को पादरी सुभाष ने लालच देते हुए मोटरसाइकिल भी दिलाई थी. मंगलवार को काफी संख्या में ग्रामीण सदर थाने पहुंचे. ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि ईसाई समुदाय के कुछ लोग गांव के लोगों को धर्मांतरण के लिये लालच दिये जा रहे थे. गांव के अनुसूचित वर्ग के एक युवा को लालच के तौर पर मोटरसाइकिल भी दिला रखी है. गांव के कुछ दूसरे लोगों को आर्थिक मदद देने का लालच दिया. इसके अलावा युवाओं को धर्म बदलने पर शादी का ऑफर भी दिया गया था.