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जेएनयू – वामपंथी गठजोड़ ने वीर सावरकर मार्ग के साइन बोर्ड पर कालिख पोती

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मोहम्मद अली जिन्ना मार्ग का पोस्टर बोर्ड पर लगाया

 

नई दिल्ली. दिल्ली जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में असामाजिक तत्वों ने विवि परिसर में सड़क मार्ग पर वीडी सावरकर के नाम से लगे साइन बोर्ड पर कालिख पोत दी. तथा बोर्ड पर मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगा दी. यह काम वामपंथी या कांग्रेसी छात्र संगठन का हो सकता है. क्योंकि यही छात्र विवि में सड़क मार्ग का नाम सावरकर के नाम पर रखने का विरोध कर रहे थे.

घटनाक्रम की जेएनयू टीचर फेडरेशन ने निंदा की है. फेडरेशन ने कहा कि ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. इससे पहले भी इन असामाजिक तत्वों ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा को विकृत किया था और अब वीर सावरकर जी का अपमान किया है.

जेएनयू प्रशासन एक कमेटी की सिफारिश पर वीर सावरकर के नाम से विवि की एक सड़क का नामकरण किया था. जिसके बाद वामपंथियों और कांग्रेस छात्र संगठन का विरोध शुरू हो गया था. वामपंथी छात्रा आइशी घोष ने ट्वीट किया कि जेएनयू की विरासत में सावरकर के लिए न तो कभी जगह थी और न ही होगी.

जानकारी के अनुसार जेएनयू एग्जिक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग में भारतीय क्रांतिकारियों को उचित सम्मान देने की बात चल रही थी. पिछले साल जुलाई 2019 में जेएनयू कैंपस डेवलपमेंट कमिटी ने एग्जिक्यूटिव काउंसिल मीटिंग में भारत के स्वतंत्रता सेनानियों व प्रसिद्ध हस्तियों के नाम गिनाए थे. जिसके तहत 13 नवंबर को विवि की सड़क का नाम वीर सावरकर रखा जाना तय हुआ था. 

जिस तरह से सावरकर जी को जेएनयू में अपमानित करने की साजिश की गई, इससे साफ पता चलता है कि इसके अंदर भारतीय क्रांतिकारियों के प्रति कितना जहर भरा है. ये लोग भारत के टुकड़े करने वाले जिन्ना को पूजते हैं. लेकिन देश को आजादी दिलाने वाले क्रांतिकारियों को नहीं पूजेंगे. सावरकर हिन्दुत्व के समर्थक और एक प्रखर लेखक भी थे. राष्ट्रविरोधी बातों का डटकर विरोध करते थे.

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