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जेएनयू – वीडी सावरकर मार्ग का नाम देखकर बौखलाए वामपंथी

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नई दिल्ली. देश में मार्क्सवादी इतिहासकार स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारियों व सेनानियों की उपेक्षा ही नहीं करते रहे, बल्कि अपने झूठे एजेंडे को लेकर अपमानित करने का भी काम करते रहे हैं. और क्रांतिकारियों को उचित सम्मान देने के लिए कोई कदम उठाता है तो उन्हें हजम नहीं होता.

यही कारण है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में वीर सावरकर के नाम पर जेएनयू की एक सड़क का नाम रखा गया, तो वामपंथियों को सावरकर का नाम बर्दाश्त नहीं हो रहा.

दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की एक सड़क का नाम विनायक दामोदर सावरकर (वीडी सावरकर) रखा गया है. सावरकर का नाम सुनते ही जेएनयू के वामपंथी छात्र बौखला गए. वामपंथी छात्र नेता आइशी घोष ने अपने ट्वीटर पर ट्वीट किया कि जेएनयू की विरासत में सावरकर के लिए न तो कभी जगह थी और न ही होगी. आइशी घोष ने सावरकर की घोर निंदा करते हुए इसे शर्मनाक बताया.

जेएनयू एग्जिक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग में कुछ दिनों से क्रांतिकारी वीर सावरकर के नाम पर चर्चा हो रही थी. पिछले साल जुलाई 2019 में जेएनयू कैंपस डेवलपमेंट कमिटी ने एग्जिक्यूटिव काउंसिल मीटिंग में कई सड़कों के नामकरण के लिए भारत के स्वतंत्रता सेनानियों व प्रसिद्ध हस्तियों के नाम सुझाए थे. इस पर 13 नवंबर को जेएनयू की सड़क का नाम वीडी सावरकर मार्ग रखने का फैसला लिया गया था. इसके साथ ही हॉस्टल की फीस बढ़ोतरी का भी प्रस्ताव रखा गया था.

देश की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले वीर सावरकर भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे, जिन्हें अंग्रेजों ने दो कालेपानी की कठोर सज़ा दी थी. सावरकर तुष्टीकरण व राष्ट्र के खिलाफ नीतियों का खुलकर विरोध करते थे, शायद इसीलिए कांग्रेस व वामपंथियों को वे पसंद नहीं थे. इसीलिए कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने भी निर्णय का विरोध किया है.

विश्वविद्यालय प्रबंधन ने कमेटी के सुझाव पर प्रसिद्ध हस्तियों, स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर अन्य सड़क मार्गों का भी नामकरण किया है.

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