देहरादून. वंदना सेमवाल विदेशी बच्चों में भारतीय संस्कृति के बीज बोने की कोशिश कर रही हैं. वे उन्हें हर रविवार को स्वाध्याय कक्षा के माध्यम से छात्रों को भगवद्गीता,वेद और पुराण का पाठ पढ़ाते उन्हें देखा जा सकता है. वंदना टेक्सास (अमेरिका) में मांटेसरी स्कूल की चेन चला रही हैं. 35 वर्षीय वंदना को देश की कमी खलती जरूर है परन्तु भारतीय समुदाय के लोगों के साथ त्योहारों में शिरकत कर वह इसे पूरा कर लेती हैं.
मूलतः उत्तराखण्ड के जिला टिहरी की रहने वाली और पांडुरंग अठावले को आदर्श मानने वाली वंदना विदेशी धरती पर एकल विद्यालय और बालोद्यान अभियान को भी बल देने का काम कर रही हैं. स्कूल खोलने के पीछे उनका ध्येय है कि नौकरी करने लोगों की सबसे बड़ी दिक्कत छोटे बच्चे हैं. इसलिये इस प्रकारके स्कूल वे चला रही है. हिंदुस्थान की ही तरह अमेरिका में भी लोग बच्चों को लेकर बेहद चिंतित रहते हैं. बात कुछ करने की हुई तो मांटेसरी से हटकर कुछ नहीं लगा.