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डॉ. कलाम के रूप में भारत ने अपने सबसे महान सपूतों में से एक को खो दिया है – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

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डॉ कलामनई दिल्ली. भारत के महान वैज्ञानिक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति भारतरत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के निधन पर देशभर में शोक की लहर है. देश-विदेश से उनके चाहने वाले और उनसे प्रेरणा लेने वालों ने डॉ. कलाम के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त की है. इसी कड़ी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी और सरकार्यवाह सुरेश भय्या जी जोशी ने संयुक्त बयान में कहा कि “हमारे पूर्व राष्ट्रपति, हमारे सबसे बड़े वैज्ञानिकों में से एक और असंख्य मनों को प्रकाशित करने वाले दूरद्रष्टा डॉ. ए.पी.जे.अब्दुल कलाम के निधन के साथ भारत ने अपने सबसे महान सपूतों में से एक को खो दिया है.” डॉ. कलाम ने एक वैज्ञानिक के रूप में हमारी रक्षा तैयारियों को अत्यंत प्रभावशाली और मौलिक योगदान दिया था. और उन्होंने एक राजनेता के रूप में हमारे राष्ट्रपति पद के कार्य क्षेत्र के अपने अनुकरणीय आचरण के माध्यम से राष्ट्रपति कार्यालय की प्रतिष्ठा बढ़ाकर भारत को गौरवान्वित किया था.

डॉ. कलाम के जीवन कार्य पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सरसंघचालक जी ने कहा कि, “मंदिरों के नगर रामेश्वरम में गुमनामी में रह रहे एक छोटे लड़के से लेकर भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति बनने तक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जीवन असाधारण साहस, दृढ़ संकल्प, दृढ़ता और उत्कृष्टता प्राप्त करने की इच्छा की कहानी रहा. उनकी जीवन गाथा ने हमारे राष्ट्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रक्षेपास्त्र शक्तियों में से एक के रूप में स्थापित किया है.” “डॉ. कलाम जो भारत की समृद्ध विरासत में आस्था और हमारे प्रतिभाशाली युवाओं में अडिग विश्वास रखते थे, भारत को एक ज्ञानवान समाज और सशक्त राष्ट्र बनाना चाहते थे.”

डॉ. कलाम के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि, “उनकी मृत्यु पर, जो हमारे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है, पूरे राष्ट्र के साथ गहरा दुःख बांटते हुए हम उनके शोक संतप्त परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं और सर्वशक्तिमान परमात्मा से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने की प्रार्थना करते हैं.”

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