करंट टॉपिक्स

डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति ने 233 एस.टी.पी. कोरोना योद्धाओं का अभिनंदन किया

Spread the love

शिमला (विसंकें). भारतीय स्वातन्त्रय समर-1857 के 164वें वर्ष पर डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति ने शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड के 233 एस.टी.पी. कर्मियों को कोरोना महामारी के दौरान उनके सेवा कार्यों के लिए कोरोना योद्धा सम्मान देकर आभार जताया. आज पूरा विश्व कोराना महामारी से जूझ रहा है. भारत में भी लॉकडाउन घोषित है. ऐसे में लोग तो घरों पर हैं, लेकिन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स में कार्यरत कर्मचारी कोराना योद्धा की तरह अपनी सेवाएं दे रहे हैं. हम सभी को इनका आभारी होना चाहिए जो परदे के पीछे रहकर दिन-रात हम लोगों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए काम कर रहे हैं.

प्रांत संघचालक डॉ. वीर सिंह रांगड़ा ने डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति शिमला द्वारा एस.टी.पी. वर्करों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में संबोधित किया. उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में यदि लोग स्वस्थ्य हैं तो उसमें एक बड़ी भूमिका एस.टी.पी. की रहती है. इन प्लांट्स में शहर की गंदगी को वैज्ञानिक तरीके से खाद और पानी में बदला जाता है, लेकिन ऐसा न हो तो खुले में बहने वाला मल-मूत्र हमारे जल स्त्रोत और वनस्पतियों को प्रदूषित कर देगा, जो महामारी का रूप ले सकती हैं. लॉकडाउन के दौरान शिमला के सभी एस.टी.पी. बेहतर तरीके से काम कर रहे हैं तो इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यहां पर कार्यरत कर्मचारी हैं, ये सभी सम्मान के हकदार हैं.

समिति के सचिव मनोज कपूर ने बताया कि शिमला के सभी 6 एस.टी.पी. में कार्यरत 233 कर्मचारियों को सम्मानित किया गया.  समिति के नाभा स्थित केंद्र पर 100 कर्मचारियों को सम्मानित किया गया. साथ ही ड्यूटी पर तैनात एस.टी.पी. लालपानी, समरहील, बड्श, आईजीएमसी, ढली और मल्याणा के 133 कर्मचारियों को उनके कार्यस्थल पर ही सम्मानित किया गया. समिति की ओर से आईजीएमसी में एक ऑटो डिस्पेंसर सेनेटाईजर मशीन भी दी गई है. आगामी चरण में डीडीयू और आईजीएमसी में एक अतिरिक्त मशीन लगाने की योजना है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से समिति प्रतिवर्ष शिमला के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित करती है, जिसमें श्यामला आरोग्यम सेवा चल चिकित्सालय की भी अहम भूमिका है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *