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तंबाकू खाने वालों को छत्तीसगढ़ में भी नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी

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रायपुर (विसंके). छत्तीसगढ़ सरकार तंबाकू खाने वालों को राज्य में सरकारी नौकरी नहीं देने के लिये राजस्थान जैसा कानून बनाने पर गंभीरता से विचार कर रही है.

जयपुर में भारत सरकार द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला में भाग लेकर लौटे राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन यह प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं. उनका कहना है कि राजस्थान ने ऐसा ही कानून बनाया है, जिसका व्यापक असर वहां देखने को मिल रहा है.

छत्तीसगढ़ के 15 साल से कम आयु वर्ग के 28.8 फीसदी और 15 से अधिक आयु वर्ग के 53.2 फीसदी युवा तंबाकू और उससे बने उत्पादों की गिरफ्त में हैं. इसके बाबजूद राज्य में तंबाकू उत्पादों की बिक्री, उनके प्रचार-प्रसार पर अब तक कोई रोक नहीं लग सकी है. गुटखा पर तीन साल से लगा प्रतिबंध का भी कोई असर नहीं है. इसकी बिक्री उत्पाद नियमों के बावजूद धड़ल्ले से जारी है. जबकि भाजपा शासित राज्य राजस्थान ने बस एक कानून ही पारित किया है कि सरकारी सेवाओं में वे ही उम्मीदवार पात्र होंगे जो तंबाकू उत्पादों का सेवन नहीं करते. डॉ. जैन का कहना है कि वे राजस्थान में बने इस नये नियम को मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति में रखेंगे.

उल्लेखनीय है कि राज्य शासन ने साल 2014 में एक अधिसूचना जारी की थी जिसमें सभी विभागाध्यक्षों को अपने-अपने विभागों में तंबाकू उत्पादों के सेवन को प्रतिबंधित करने के लिये कहा गया था. लेकिन किसी भी विभाग में इसका पालन नहीं हो रहा है. जबकि ‘कोटपा एक्ट- 2003’ के अंतर्गत विभाग के सर्वोच्च अधिकारी से लेकर शिक्षक तक को सार्वजनिक स्थानों में तंबाकू सेवन, धूम्रपान पर कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है.

इन विभागों को चाहिये पहल करें

1- नगर निगम- तंबाकू उत्पादों के विज्ञापनों को प्रतिबंधित करे.

2- राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग- प्रतिबंधित गुटखा, धूम्रपान को रोके.

3- जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन- गुटखा बिक्री पर रोक लगाये.

4- फिल्म इंडस्ट्रीज- एक्टर इनके विज्ञापन न करें, फिल्मों, टीवी सिरियल में इनके इस्तेमाल पर रोक लगे.

नौकरी के पहले ही शपथ-पत्र

राजस्थान में बने कानून के तहत तंबाकू उत्पाद के सेवन करने वाले को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी. इतना ही नहीं कुछ मल्टी नेशनल कंपनियों ने भी इसे अपनी संस्था में लागू किया है. अगर कोई व्यक्ति नौकरी के दौरान इन सब चीजों को छिपाता है और बाद में वह इनका सेवन करता हुआ पाया गया तो उसे नौकरी से निकाल दिया जायेगा. इसका आधार होगा वह शपथ-पत्र, जो नियुक्ति के पहले उम्मीदवार को भरना होगा. देश में इस प्रयोग को मॉडल के तौर पर देखा जा रहा है.

जीएट्स रिपोर्ट ने दिखाया आईना

ग्लोबल अडल्ट टोबेको सर्वे (जीएट्स) रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ की तो 15 साल से कम आयु वर्ग वाले 28.8 फीसदी किशोर, 15-17 आयु वर्ग वाले 25.2 फीसदी, 18-19 आयु वर्ग वाले 14.9 फीसदी और 20-34 आयु वर्ग वाले 31.9 फीसदी लोग तंबाकू का सेवन करते हैं.

जबकि भारत के परिप्रेक्ष्य में 15 से अधिक आयुवर्ग वाले 35 फीसदी युवा किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं, जिनमें 21 फीसदी धूम्रपान रहित तंबाकू का सेवन करते हैं तो 9 फीसदी धूम्रपान. 12 फीसदी खैनी, जर्दा चूना के साथ इस्तेमाल करते हैं. धूम्रपान युक्त उत्पादों में 9 फीसदी बीड़ी, 6 फीसदी सिगरेट और 1 फीसदी हुक्का का सेवन करते हैं.

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