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तपस्या, समर्पण भक्ति आदि तत्वों को लेकर चलने वाला व्यक्ति जीवन को सक्षम बनाता है – डॉ. मोहन भागवत जी

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अंबाजोगाई. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि तपस्या, समर्पण, आत्मनिवेदन और भक्ति, इन तत्वों को लेकर चलने वाला व्यक्ति जीवन को सक्षम बनाता है. लोकसंग्रह करने वाले कार्यकर्ता जीवन का सही मार्ग दिखाकर स्वयं के अनुकरण व आचरण से समाज को मार्ग दिखाते हैं. आत्मीयता और अपनापन ही विश्व का सत्य है.

संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवक एवं अखिल भारतीय इतिहास संकलन समिति के महासचिव डॉ. शरद जी हेबालकर का अमृत महोत्सव कार्यक्रम सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी और राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांताक्का जी की उपस्थिति में संपन्न हुआ.

सरसंघचालक जी ने डॉ. शरदजी हेबालकर को शुभकामना देते हुए भारत की संस्कृति  का तत्वज्ञान बताया, कहा कि मानव और पशु में मानव को ही ईश्वर ने विचार करने का वरदान दिया है. यह विचार व्यक्ति को स्वयं के जीवन को समृद्ध करने हेतु आचरण में लाना चाहिए. जीवन का आत्मावलोकन करते हुए हम कहां पर हैं, इसका आत्म परीक्षण करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जीवन में आत्मीयता और अपनेपन का बड़ा महत्व होता है. यह गुण जीवन को आनंददायी और सफल बनाता है. लोकसंग्रह करने वाले कार्यकर्ता व्यक्ति का जीवन  समाज को सही मार्ग दिखाता है. सूर्य जिस प्रकार स्वयं प्रकाशित होकर अंधेरा दूर करता है, इसी तरह मानव को भी सूर्य जैसा आदर्श निर्माण कर धर्म की राह पर चलना चाहिए. तत्वपूर्ण जीवन ही धर्म होता है जो व्यक्ति धर्म के आधार पर जीवन व्यतीत करता है, वह व्यक्ति अर्थ और कामना विरहित सफल जीवन व्यतीत करता है. डॉ.शरदजी हेबालकर ने भी धर्म की राह पर चलते हुए स्वयं के जीवन को सार्थक किया.

राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांतक्का जी और शरद हेबालकर जी ने भी विचार रखे. गंगाखेड के सोमयजी यज्ञेश्वर महाराज सेलूकर जी द्वारा शांति यज्ञ संपन्न करवाया गया.

हिन्दुओं के इतिहास एवं हिन्दू धर्म के विस्तार की जानकारी देने वाले वेब पोर्टल का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत ने लोकार्पण किया. सोमवार, 30 दिसंबर को कार्यक्रम संपन्न हुआ. http://hindushistory.com नाम से यह वेबपोर्टल शुरू किया गया है.

वेबपोर्टल पर अनुसंधान निबंध, विविध पुस्तकें, फोटोग्राफ्स, चर्चा सत्रों के वीडियो, विविध आलेख, विशेषज्ञों के मार्गदर्शन पर आलेख आदि सामग्री उपलब्ध है. इतिहास विशेषज्ञों द्वारा सामग्री का अध्ययन करने व संस्तुति के पश्चात यह सामग्री पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई है.

डॉ. शरद हेबालकर, इतिहास संकलन योजना, भारतीय अनुसंधान परिषद एवं कुछ इतिहास विशेषज्ञ और डॉ. हेबालकर जी से संबंधित कुछ विद्वान व्यक्तियों का वेबपोर्टल के निर्माण में योगदान है. हिन्दू, भारतीय संस्कृति से संबंधित अनेक वेबपोर्टल की जानकारी दी गई है. वेबपोर्टल पर डॉ. शरद हेबालकर द्वारा लिखित कुछ पुस्तकें, अनुसंधान पर निबंध उपलब्ध हैं. वैश्विक स्तर पर हिन्दुओं का इतहास, उनके संदर्भ के छायाचित्र भी विद्यमान हैं. हिन्दू इतिहास से संबंधित आवश्यक नक्शे भी उपलब्ध हैं.

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