नई दिल्ली. आईएएस अधिकारी से राजनेता बने जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के संस्थापक शाह फैज़ल को बुधवार को दिल्ली एयरपोर्ट से हिरासत में लिया गया. भारत छोड़ तुर्की जा रहे शाह फैज़ल को श्रीनगर ले जाया गया है, तथा जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत घर में ही नजरबंद किया गया है. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने की घोषणा के बाद से ही शाह फैज़ल लगातार केंद्र सरकार की आलोचना करते आ रहे थे. यही नहीं वे दिल्ली में रहकर सोशल मीडिया पर लगातार इसका विरोध कर रहे थे.
कुछ दिन पहले शाह फैज़ल ने ट्विटर पर चेतावनी देते हुए कहा कि कश्मीर में फिर से राजनीतिक अधिकारों की बहाली के लिए एक अहिंसक राजनीतिक जनआंदोलन की जरूरत है. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि धारा 370 को समाप्त करने से मुख्यधारा खत्म हो गई है. संवैधानिक स्वरूप खत्म हो गया है, इसलिए आप या तो एक कट्टरपंथी हो सकते हैं या अलगाववादी.
शाह फैज़ल ने ईद से पहले भी ट्वीट करते हुए घाटी के लोगों की भावनाओं को भड़काने का काम किया. उन्होंने लिखा – कोई ईद नहीं है. दुनिया भर के कश्मीरी अपनी जमीन पर अवैध कब्जे का शोक मना रहे हैं. 1947 से लेकर अब तक जो भी कश्मीरियों से छीना गया है, जब तक वापिस नहीं मिल जाता कोई ईद नहीं मनाई जाएगी. जब तक अपमान का बदला नहीं ले लेते ईद नहीं होगी. हालांकि उनके इस ट्वीट के बाद उनके आलोचकों ने उन पर देशद्रोह का तक का आरोप लगाया था.
दिल्ली एयरपोर्ट से हिरासत में लेने के बाद शाह फैज़ल को श्रीनगर में उनके घर ले जाया गया. प्रशासन ने पीएसए लगाते हुए उन्हें घर पर ही नजरबंद कर दिया है.
शाह फैज़ल कश्मीर से वर्ष 2009 में आइएएस करने वाले पहले टॉपर हैं. उन्होंने 2018 में प्रशासनिक अधिकारी की नौकरी छोड़ राजनीति में प्रवेश किया था.
दैनिक जागरण