नई दिल्ली. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में दंतेश्वरी फाइटर टीम का नेतृत्व कर रही कमांडो सुनैना पटेल ने गर्भवती होने के बावजूद नक्सलियों से मोर्चा लिया. छुट्टी नहीं ली, एक-47 और 10 किलो का बैग उठाकर नियमित पैट्रोलिंग पर डटी रहीं. वहीं अब दंतेवाड़ा से खुशखबरी आई है, कमांडो सुनैना पटेल ने बेटी को जन्म दिया है. मां और बेटी दोनों स्वस्थ हैं.
छत्तीसगढ़ की सुनैना पटेल ने नक्सलियों से लड़ने के लिए दंतेश्वरी फाइटर की टीम लीडर के रूप में जब ज्वाइऩ किया था तो वह दो महीने की गर्भवती थीं. इसके बावजूद वह मोर्चे पर लगातार डटी रहीं. अधिकारियों के कहने पर भी गर्भावस्था के दौरान छुट्टी नहीं ली. एके-47, अन्य हथियारों तथा 10 किलो का बैग पीठ पर लादकर निरंतर पेट्रोलिंग करती रहीं.
हर किसी को उसकी और उसके बच्चे की चिंता थी. सुनैना का हौसला अन्य महिलाओं को भी नक्सल विरोधी फोर्स ज्वाइन करने की प्रेरणा देगा. बेटी को जन्म देने का समाचार सामने आने के बाद सोशल मीडिया में लोगों ने मां-बेटी के स्वास्थ्य की कामना करते हुए बधाई दी.
शेरनी के घर तो शेरनी ही जन्मेगी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आईजी दीपांशु काबरा ने ट्वीट कर कहा कि आज का दिन कमांडो सुनैना के नाम, जिनके घर बिटिया ने जन्म लिया. उन्होंने गर्भावस्था के दौरान भी दंतेवाड़ा के कोर नक्सल इलाकों में पेट्रोलिंग की. उनकी ड्यूटी और हौसला अनुकरणीय है. बिटिया के स्वस्थ और सुदीर्घ जीवन की शुभकामनाएं.
दंतेश्वरी फाइटर्स की कैडेट सुनैना कहती हैं कि कमांडो ट्रेनिंग के बाद टीम को लीड करने की जिम्मेदारी उन्हें मिली. कुछ महीने बाद उन्हें पता चला कि वह गर्भ से हैं. अगर वह इस बात की जानकारी अफसरों को देतीं तो शायद उन्हें ऑपरेशन पर जाने से रोक दिया जाता. ऐसे में जब तक वह छिपा सकती थीं, इस बात को छिपाया.
मई 2019 में महिला पुलिसकर्मी और सरेंडर नक्सलियों को मिलाकर महिला डीआरजी की टीम गठित की गई थी. इसमें सुनैना भी शामिल हैं. दंतेवाड़ा प्रदेश का इकलौता जिला है, जहां महिला डीआरजी की टीम भी है, जो नक्सल ऑपरेशन के लिए जंगलों में जाती है.