नई दिल्ली. श्री बाल्मीकि महासभा हरियाणा ने मेवात में दलित समाज पर लगातार हो रहे हमले, बलात्कार, अपमानजनक घटनाओं व जबरन धर्मपरिवर्तन पर गहरी चिंता व्यक्त की है. सभा का कहना है कि मेवात को लेकर अखबारों में आ रहे समाचारों की समीक्षा स्वयं सभा के प्रतिनिधि करेंगे. श्री बाल्मीकि महासभा के महासचिव प्राण रत्नाकर ने बताया कि इसके लिए सभा के अध्यक्ष सेवानिवृत न्यायाधीश पवन कुमार से आग्रह किया है कि वे स्वयं मेवात में हो रहे अनुसूचित जाति पर हमलों की पड़ताल करें. क्योंकि अध्यक्ष स्वयं न्यायाधीश हैं. वर्षों तक उन्होंने न्याय के आसन पर बैठकर न्याय किया है. इसलिये वे कानून की बारीकियों से भलीभांति अवगत हैं. पूर्व न्यायाधीश पवन कुमार स्थानीय अनुसूचित जाति के प्रताड़ित लोग, सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि व अन्य प्रमुख लोगों से बातचीत करके दूध का दूध और पानी का पानी कर सकते है. उनके अनुसार मेवात की इन घटनाओं की पड़ताल करने के लिए हरियाणा आर्य प्रतिनिधि सभा के उपाध्यक्ष कनहैया लाल आर्य व अखिल भारतीय बाल्मीकि महापंचायत के प्रदेश अध्यक्ष सुल्तान बाल्मीकि को शामिल किया गया है. मेवात के बिछोर, उलेटा, घागस पुन्हाना, नागिनां, लखनाना आदि में हुई उत्पीड़न की घटनाओं के साथ जबरन धर्मपरिवर्तन, पलायन की घटनाएं विचलित करने वाली हैं. ये घटनाएं अनुसूचित समाज को आंदोलन करने को मजबूर कर रहे हैं. इसलिये कोई भी ठोस निर्णय लेने से पहले पूर्ण पड़ताल कर लेनी चाहिए. इसलिए ही सेवानिवृत न्यायाधीश से मेवात में जाकर रिपोर्ट तैयार करने का आग्रह किया गया है. ताकि सही तथ्यों के साथ होने वाली रिपोर्ट को भारत सरकार के अनुसूचित आयोग व हरियाणा सरकार को सौंपकर पीड़ितों को न्याय दिलाया जा सके व भविष्य में अनुसूचित जाति के लोगों के स्वाभिमान के साथ खिलवाड़ न हो सके.
गुरुग्राम निवासी व अखिल भारतीय बाल्मीकि पंचायत के हरियाणा के अध्यक्ष सुल्तान बाल्मीकि ने भी कहा कि मेवात की घटनाएं दुखद हैं. इनकी जांच रिपोर्ट तैयार होनी ही चाहिए. इसके लिए वे न्यायधीश पवन कुमार जी का हर तरह से सहयोग करने के लिये तैयार हैं. वे स्वयं भी शीघ्र ही मेवात जाकर वहां के प्रताड़ित बंधुओं से मिलेंगे.