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दिल्ली – रोहिंग्या कैंप में खजूर और रुहअफज़ा, प्रवासी श्रमिक पलायन को मजबूर

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नई दिल्ली. ऐसे समय में जब लाखों मज़दूरों को दो वक़्त का खाना न मिलने के कारण उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, अपने गाँवों के लिए पलायन करना पड़ रहा है, रोहिंग्या शरणार्थियों को लॉकडाउन के दौरान पर्याप्त मात्रा में राशन मुहैया करवाया जा रहा है. दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान यह आश्वासन दिया. सरकार ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान इस बात का पूरा इंतजाम किया गया है कि रोहिंग्या घुसपैठियों के कैंप में खाने-पीने की कोई कमी न रहे. दिल्ली सरकार ने अदालत में इससे जुड़े दस्तावेज भी पेश किए और बताया कि रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए तीन कैंप चल रहे हैं, जो दक्षिणी और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में बनाए गए हैं.

इस बीच, न्यूज़ पोर्टल द प्रिंट ने दिल्ली के रोहिंग्या कैंपों में रमजान की तस्वीरें प्रकाशित की हैं, जिनमें वहां रुहअफजा और अच्छे किस्म के खजूर की सप्लाई देखी जा सकती है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि रोहिंग्या कैंपों के लिए सरकार की अलग से मेहरबानी की क्या जरूरत है?

दिल्ली उच्च न्यायालय में केजरीवाल सरकार ने यह भरोसा ऐसे समय में दिलाया है कि जब वे दिल्ली में रह रहे लाखों भारतीय ग़रीबों को खाना नहीं खिला पा रहे हैं. इसी के चलते दिल्ली से उत्तर प्रदेश और बिहार के मज़दूरों का बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा है. ऐसे में रोहिंग्या कैंप को प्राथमिकता देने की यह बात आम जनमानस को चुभ रही है. केजरीवाल सरकार ने यह जानकारी न्यायाधीश मनमोहन और संजीव नरुला की पीठ को दी जो खजूरी खास, श्रम विहार और मदनपुर खादर में बसाए गए रोहिंग्याओं को फौरन राहत देने की एक याचिका पर सुनवाई कर रहे थे. न्यायालय में दिल्ली सरकार के वकील संजय घोष ने बताया कि इन तीनों कैंप के आसपास चार जगह मुफ़्त खाने का इंतज़ाम किया गया है. याचिकाकर्ता फ़ज़ल अब्दाली नाम का एक शख़्स है, जो आम आदमी पार्टी का करीबी माना जाता है. उसने कोर्ट से रोहिंग्याओं के लिए स्पेशल पैकेज देने की भी माँग की थी, जिस पर कोर्ट ने उसे नोडल ऑफ़िसर के पास जाने को कहा.

कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के बाद दिल्ली से 2 से 3 लाख लोगों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा था. यह आरोप लगता रहा है कि केजरीवाल सरकार ने जानबूझकर ऐसे हालात पैदा किए कि लोगों को जाना पड़े. यहाँ तक कि दिल्ली सरकार ने यूपी बॉर्डर तक छोड़ने के लिए बसें भी चलाई थीं. अब जब दिल्ली से बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों को एक षड्यंत्र के तहत खदेड़ा जा चुका है, इस समय रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए आदर्श स्थितियाँ हैं. कहा जा रहा है कि इस मौक़े का फ़ायदा नई जगहों पर झुग्गियाँ बनाने और रोज़गार पाने के लिए कर सकते हैं.

वोट बैंक की राजनीति के तहत केजरीवाल सरकार अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को राशन कार्ड और दूसरे पहचान पत्र मुहैया करवा रही है. रोहिंग्याओं के लिए अलग पैकेज घोषित करवाने के लिए ये याचिका इसीलिए डलवाई गई थी ताकि उनके लिए किए गए खाने-पीने के ख़ास इंतज़ामों को क़ानूनी वैधता दिलाई जा सके.

न्यूज़ पोर्टल द प्रिंट ने दिल्ली के रोहिंग्या कैंपों की कुछ तस्वीरें पोस्ट की हैं, जिनसे आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि ऐसे समय में जब देश की बड़ी आबादी मुसीबत के दौर से गुजर रही है, रोहिंग्या कैंपों में बेहतरीन इंतज़ाम हैं.

अनाज ही नहीं, दिल्ली के रोहिंग्या कैंपों में अच्छी क्वालिटी के सऊदी अरब वाले खजूर भी मुहैया करवाए जा रहे हैं. नीचे की तस्वीर भी द प्रिंट से साभार है.

 

 

 

खजूर ही नहीं, इन दिनों रमज़ान चल रहा है तो रोहिंग्या घुसपैठियों के लिए रूहअफजा का भी पूरा बंदोबस्त है. नीचे की ये तस्वीर भी द प्रिंट ने प्रकाशित की है.

दिल्ली के रोहिंग्या कैंप में पूरियाँ तलते ये तस्वीर भी हैरत में डालने वाली है. ऐसे समय में जब लाखों गरीब दो वक़्त की रोटी नहीं खा पा रहे, दिल्ली के रोहिंग्या कैंपों पर मेहरबानी का आलम कुछ ऐसा है.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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