शिमला (विसंकें). अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की दिल्ली प्रांत उपाध्यक्ष ममता त्रिपाठी ने कहा कि युवा पीढ़ी को देशविरोधी ताकतों को जड़ से उखाड़ने के लिए आगे आना होगा. आज राष्ट्रविरोधी ताकतों का मजबूती के साथ सामना किये जाने की जरूरत है. कांग्रेस और दूसरी विचारधारा के नेताओं को छात्र राजनीति से दूर रहकर राष्ट्रहित को ध्यान में रखना चाहिए.
वह हमीरपुर में आयोजित हिमाचल प्रांत के प्रांत छात्रा सम्मेलन में खुले अधिवेशन को संबोधित कर रही थीं. विद्यार्थी परिषद ने महिला दिवस के उपलक्ष्य में प्रांत छात्रा सम्मेलन का आयोजन किया था. कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि राज्यस्थान महिला और बाल कल्याण बोर्ड की अध्यक्षा मनन चतुर्वेदी ने शिरकत की. विशिष्ट अतिथि के रूप में अभिनेत्री ओशीन बराड़ एवं अखिल भारतीय छात्रा प्रमुख ममता यादव ने भाग लिया.
कार्यक्रम के आरम्भ में एक रैली भी निकाली गयी जो शहर के विभिन्न भागों से होती हुई गांधी चौक पर संपन्न हुई. रैली में बड़ी संख्या में विभिन्न क्षेत्रों से छात्रा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया तथा महिला सशक्तिकरण की आवाज को बुलंद किया. रैली के समापन स्थल गांधी चौक पर ही खुला अधिवेशन किया गया. ममता त्रिपाठी ने जेएनयू मामले पर कहा कि इस प्रकार की घटनाएं अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण हैं. इन घटनाओं से कांग्रेस और वामपंथी पूरी तरह बेनकाब हो गये हैं. यह विश्वविद्यालय पूरे देश में अपना स्थान रखता है, लेकिन पिछले कुछ समय से वामपंथी विचारधारा के कृत्यों ने इसकी छवि को खराब करने का काम किया है. विश्वविद्यालय के सभी लोग देशविरोधी न होते हुए भी कुछ लोगों के कारण पूरे विश्वविद्यालय को देशविरोधियों का अड्डा समझा जाने लगा है. उन्होंने मीडिया की भूमिका पर कहा कि कन्हैया को हीरो बनाने में मीडिया का ही महत्वपूर्ण रोल रहा.
मुख्य अतिथि मनन चतुर्वेदी ने कहा कि छात्राओं को आज अपनी शक्ति और क्षमताओं को समझना होगा. छात्राओं को राष्ट्रनिर्माण में अपनी जिम्मेवारी को समझना होगा, तभी राष्ट्र समग्र रूप से आगे बढ़ सकता है. समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए युवाओं को आगे आना होगा. लावारिस बच्चों, अपंगों, नशे में पड़े और छोटी बच्चियों के कल्याण के लिए काम करना होगा.
अभिनेत्री ओशीन बराड़ का कहना था कि किसी को अपनी इच्छाओं को दिल में दबाकर नहीं रखना चाहिए. उसके लिए जी जान से जुटकर संघर्ष करना चाहिए, तभी अपने लक्ष्यों को हासिल किया जा सकता है. उन्होंने भारतीय संस्कृति के गौरव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति विश्व संस्कृतियों में अपना अलग गौरव रखती है. युवाओं को भारतीय संस्कृति के श्रेष्ठ गुणों को अपनाना चाहिए. अन्य वक्ताओं ने भी कार्यक्रम में अपने विचार रखे. छात्रा सम्मेलन में 3000 से अधिक छात्राओं ने भाग लिया.