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देश का प्रत्येक नागरिक सजग, अनुशासित व संगठित हो, देश विरोधी ताकतों को जवाब दे – रामेश्वर जी

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कसौली, हिमाचल (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हिमाचल प्रदेश के 20 दिवसीय शीतकालीन संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष (सामान्य) का समापन किप्स में हुआ. मंच पर कार्यक्रम के अध्यक्ष सेवानिवृत्त आईएएस भागमल नान्टा जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हिमाचल प्रांत के संघचालक सेवानिवृत्त कर्नल रूपचन्द जी, वर्ग के वर्गाधिकारी हेमराज शर्मा जी (सेवानिवृत्त, बागवानी निदेशक हि.प्र. सरकार) मुख्य वक्ता उत्तर क्षेत्र प्रचारक प्रमुख रामेश्वर जी उपस्थित थे. हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, पंजाब व जम्मू कश्मीर के कुल 364 शिक्षार्थियों ने कठोर व अनुशासित दिनचर्या में 20 दिन का प्रशिक्षण पूरा किया. वर्ग में पूर्णकालिक 42 शिक्षक, 50 प्रबंधक विभिन्न व्यवस्थाओं में लगे थे.

कार्यक्रम अध्यक्ष भागमल नान्टा जी ने संघ के स्वयंसेवकों का अनुशासन व देश के प्रति सेवा भाव की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि संघ ने देश में एक सकारात्मक विचार के लोगों का एक वर्ग खड़ा किया है जो देश के लिए सोचते हैं. वर्ग के वर्गाधिकारी हेमराज शर्मा जी ने वर्ग के संस्मरण सबके सम्मुख प्रस्तुत किये और कहा कि अब मैं संघ के कहने पर समाज के लिए काम करने को तैयार हूँ. वर्ग कार्यवाह सुनील शास्त्री जी ने वर्ग का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. उन्होंने किप्स की प्रबंध समिति, सोलन जिले के समस्त कार्यकर्ताओं, वर्ग में प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से सहयोग देने वालों का धन्यवाद किया. वर्ग में 2300 परिवारों से सम्पर्क कर लगभग एक लाख बीस हजार रोटियां एकत्रित की गईं थीं.

कार्यक्रम में अपने उद्बोधन में रामेश्वर जी ने कहा कि संघ व्यक्ति का चरित्र निर्माण कर समाज परिवर्तन करना चाहता है, जिसके माध्यम से व्यवस्था परिवर्तन कर राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति करना संघ का लक्ष्य है. नेता, नारा, नीति, पार्टी, सरकारों को बदलकर हमने देख लिया. लेकिन जब तक देश का प्रत्येक नागरिक सजग, अनुशासित व संगठित नहीं होगा तो देश विरोधी ताकतें देश को तोड़ने का षड्यंत्र करती रहेंगी. अत: प्रत्येक व्यक्ति व संगठन के सामूहिक संगठित प्रयत्न से इन विरोधी शक्तियों को मुंहतोड़ जवाब मिलेगा. संघ पिछले 92 वर्षों से समाज की जातिवादी, प्रांतवादी मानसिकता छुआछूत और देश तोड़ने का कुचक्र करने वाली शक्तियों के सम्मुख समस्त देशवासियों के साथ इनके उन्मूलन के लिए खड़ा है. लेकिन एक अकेले व्यक्ति व एक संगठन के बल पर यह नहीं होगा, सम्पूर्ण समाज को संगठित कर ही किसी बुराई को दूर किया जा सकता है. उन्होंने शिक्षार्थी स्वयंसेवकों सहित उपस्थित जनसमुदाय का आह्वान किया कि देश और समाज पर आने वाली किसी भी समस्या का सभी संगठित विरोध करेंगे, तब ही हम अपने देश को विश्व का एक श्रेष्ठ देश बना पाएंगे.

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