फरीदाबाद. भारत पूर्व मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा जी ने कहा कि संवैधानिक अधिकारों के साथ-साथ नारी शक्ति का सम्मान, देश की संस्कृति की रक्षा, पर्यावरण की रक्षा तथा माता-पिता एवं गुरुजनों का सम्मान करना भी प्रत्येक नागरिक के मूल दायित्व हैं. राष्ट्र निर्माण के लिए शिक्षित समाज होना बहुत आवश्यक है और जहां शिक्षा पाने का अधिकार सभी को है, वहीं बच्चों को शिक्षित करना, उन्हें विद्यालय भेजना भी प्रत्येक माँ बाप की जिम्मेदारी है. अधिवक्ता परिषद् जैसी जिम्मेदार संस्था को इस बात पर विशेष ध्यान देना चाहिए कि सबके साथ न्याय हो, किसी के साथ अन्याय न हो. न्यायाधीश दीपक मिश्रा जी फरीदाबाद में सेक्टर 14 में आयोजित अधिवक्ता परिषद् हरियाणा के प्रांतीय अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे. अधिवेशन में हरियाणा प्रांत के पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित थे.
इससे पूर्व कार्यक्रम में विशेष आमंत्रित अतिथि उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त महाधिवक्ता ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि प्रत्येक अधिकार के साथ कर्तव्य भी जुड़े होते हैं. अपने अधिकारों का लाभ उठाने के लिए कर्तव्यों का निर्वहन भी अति आवश्यक है.
विशिष्ट अतिथि मानवाधिकार आयोग हरियाणा के चेयरमैन न्यायमूर्ति एसके मित्तल ने कहा कि अधिवक्ताओं का दायित्व है कि किसी भी इंसान के मानव अधिकार का हनन न हो. सभी संवैधानिक अधिकारों व कर्तव्यों का निर्वहन साथ साथ हो.
कार्यक्रम अध्यक्ष महाधिवक्ता, हरियाणा बलदेव राज महाजन ने कहा कि अपने व्यक्तिगत, सामाजिक एवं राष्ट्रीय कर्तव्यों का पालन करना हम सब की साझा जिम्मेदारी है. अधिकारों व कर्तव्यों के निर्वहन के साथ-साथ देश की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति की भी रक्षा हो, ऐसा चिंतन हम सब को करना चाहिए.
परिषद् के अखिल भारतीय संगठन मंत्री जॉयदीप राय ने कहा कि अधिवक्ता परिषद् का कार्य अब कश्मीर घाटी सहित उत्तर पूर्व के सभी राज्यों में भी चल रहा है.
परिषद् के क्षेत्रीय संगठन मंत्री पदमकांत द्विवेदी ने कहा कि परिषद् को चाहिए कि नए बने अधिवक्ताओं के साथ स्टडी सर्किल जैसे कार्यक्रम चलाकर उनका ज्ञानवर्धन करें, और उन्हें वकालत में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसकी चिंता करें.