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देश के जांबाज मेजर अनुज सूद पंचतत्व में विलीन, पैतृक गांव में श्रद्धांजलि दी

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हंदवाड़ा में आतंकियों से मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हुए थे

हिमाचल के देहरा स्थित पैतृक गांव में प्रशासन व नगरवासियों ने श्रद्धांजलि दी

हरियाणा के पंचकूला में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

शिमला (विसंकें). जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकियों से सीधे मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हुए मेजर अनुज सूद का मंगलवार को हरियाणा के पंचकूला में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इससे पहले सोमवार को हिमाचल के देहरा स्थित उनके पैतृक गांव गोपीपुर में प्रशासन व स्थानीय लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की.

मंगलवार को पंचकूला में मेजर अनुज सूद की पार्थिव देह का अंतिम  रविवार 3 मई को जम्मू-कश्मीर से हिमाचल के देहरा स्थित उनके पैतृक गांव गोपीपुर भेजा गया था.

जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में शनिवार, 2 मई की रात आतंकियों से हुई मुठभेड़ में सेना की 21 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद समेत 5 जवान बलिदान हो गए थे. हिमाचल के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मेजर अनुज सूद सहित पांचों सैन्य जवानों क बलिदान पर शोक व्यक्त किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि देश और प्रदेश को उनके बलिदान पर गर्व है.

बलिदानी मेजर की बहन भी सेना में कैप्टन

बलिदानी मेजर का परिवार कुछ महीने पहले ही पंचकूला की अमरावती एनक्लेव में रहने लगा था. अभी यहां उनका मकान बन रहा है. छोटी बहन हर्षिता सूद भी सेना में कैप्टन हैं, जो इन्दौर के मऊ में पोस्टेड हैं. मेजर अनुज की एक बड़ी बहन ऑस्ट्रेलिया में रहती हैं.

आईआईटी में चयन के बावजूद आर्मी को चुना करियर

31 वर्षीय मेजर अनुज सूद की शुरुआती पढ़ाई आर्मी पब्लिक स्कूल लखनऊ में हुई. उन्होंने एनडीए प्रवेश परीक्षा पहली बार में ही पास कर ली थी. अनुज का चयन आईआईटी में हो गया था, लेकिन उन्होंने देशसेवा के लिए आर्मी ज्वाइन करने का फैसला किया.

बेटे ने फर्ज निभाया, दुःख तो उसका है, जो दुल्हन बनकर आई

स्व. मेजर अनुज सूद के पिता रिटायर्ड ब्रिगेडियर चंद्रकांत सूद अपने इकलौते बेटे के बलिदान पर काफी गमगीन रहे. उनका कहना है कि बेटे ने अपना फर्ज निभाया. वह देश के काम आया. दुःख तो उस बहू का है, जो ढाई साल पहले ही इस घर में दुल्हन बनकर आई थी. सितम्बर, 2017 में मेजर अनुज की शादी धर्मशाला निवासी कर्नल कश्मीर सिंह की बेटी आकृति से हुई थी. आकृति पुणे की एक कंपनी में जॉब करती हैं.

हिमाचल के देहरा से था गहरा नाता

जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में बलिदान हुए मेजर अनुज सूद का हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में देहरा शहर से गहरा नाता रहा है. शहर के बीच कृष्णा निवास के नाम से उनका पुश्तैनी घर है. शहीद मेजर अनुज सूद के दादा सुरेंद्र सूद व दादी साधना सूद इसी घर में रहा करते थे. शहीद के पिता रिटायर्ड बिग्रेडियर चंद्रकांत सूद व माता रागिनी सूद काफी समय से देहरा से पंचकूला स्थित नए घर में शिफ्ट हो गए थे, लेकिन अभी भी उनके परिवार के सदस्यों का देहरा से उतना ही लगाव है और वे अक्सर यहां आते रहते हैं. नजदीकी रिश्तेदार भुवनेश सूद ने बताया कि उनका पैतृक घर देहरा बाजार में ही है. हालांकि, अब उनका परिवार चंडीगढ़ में चंडी मंदिर के नजदीक रहता है. अनुज मौजूदा समय में पुणे में रह रहे थे.

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