तलवाड़ा (पंजाब). स्थानीय एसडी सर्वहितकारी विद्या मंदिर में पिछले 20 दिनों से चल रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पंजाब प्रांत के संघ शिक्षा वर्ग (प्रथम वर्ष) का समापन हो गया. वर्ग में पंजाब प्रांत के 104 स्थानों से 193 स्वयंसेवकों ने भाग लिया. वर्ग में 18 से 40 वर्ष की आयु के शिक्षार्थी अध्यापक, किसान, कर्मचारी तथा विद्यार्थी थे. शिक्षक 18 तथा 40 प्रबंधकों ने इसकी सब व्यवस्था की. वर्ग के लिए 40 गावों के परिवारों ने प्रतिदिन अपने घर से रोटियां बना कर भिजवाई.
कार्यक्रम के अध्यक्ष कर्नल हरदयाल सिंह जी ने संघ के प्रशिक्षण वर्ग की सफलता पर आयोजकों को बधाई दी. कार्यक्रम के मुख्यवक्ता विनय शर्मा जी ने कहा की संयोग से आज हिन्दू साम्राज्य दिवस भी है. आज का यह पवित्र दिन हिन्दू समाज के लिए स्वाभिमान का दिन है. वर्षों से मुगलों की दासता की बेड़ियों को अपने बल से तोड़ कर शिवाजी महाराज ने हिन्दू साम्राज्य की स्थापना कर, अपनी माता जीजाबाई के संकल्पों को पूरा किया. वीर माता जीजाबाई की उत्कट देशभक्ति का ही यह परिणाम था, जिसके कारण उन्होंने अपने मायके तथा ससुराल के रिश्तेदार संबंधियों के गुलामी के स्वभाव के विपरीत, शिवाजी में राष्ट्रभक्ति के संस्कार बचपन में प्रदान किये. इन संस्कारों के कारण शिवाजी एक कुशल संगठक बने. सामान्यजन के मनों में राष्ट्रीयता का भाव जागरण कर उन्हें पराधीनता की जंजीरों को तोड़ने के लिए संघर्ष करने को तैयार किया और एक शक्तिशाली स्वराज सेना का निर्माण किया तथा छोटे-छोटे किलों को जीतकर एक समृद्धशाली राज्य का निर्माण किया. उनके उज्ज्वल चरित्र की अनेकों घटनायें लोगों को आज भी कंठस्थ है.
विनय शर्मा जी ने राष्ट्रीय शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि भारत के कण कण, जन जन में एकात्म भाव को देखने वाला, कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत को एक मानने वाला, यहां के धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान देने वाला, तथा इस देश के लिए जीने व मरने वाला ही राष्ट्रीय है. ऐसे लोगों को हमने हिन्दू कहा है. ऐसे ही लोगों के संगठन के बल पर अपने इस देश को परम वैभव पर ले जाने के लिए ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पिछले 90 वर्षों से समाज में सफलता पूर्वक कार्य कर रहा है. आप सब इसमें शामिल होकर सहयोग करें, यही निवेदन है. कार्यक्रम में क्षेत्र के प्रसिद्ध संत पूज्य महामंडलेश्वर रमेश दास जी, होशियारपुर के सांसद तथा केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विजय सांपला, पूज्य संत वीरेंद्र मोहन समेत सैकड़ों गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया.