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धर्मांतरित परिवार ने मूल धर्म में लौटने की इच्छा जताई

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Hindu Parivar ko Jabran Musalman banayaमेरठ. घर वापसी और धर्मांतरण को लेकर बहस के बीच बागपत में एक परिवार ने वापिस अपने मूल धर्म (हिंदू) में लौटने की इच्छा व्यक्त की है. परिवार के मुखिया ने दो लोगों पर जबरन धर्मांतरण का आरोप भी लगाया है, और पुलिस के समक्ष शिकायत की है. व्यक्ति ने आरोप लगाया कि जबरन धर्म परिवर्तन करवाने के साथ ही दो लोगों ने उसके दस लाख रुपये भी हड़प लिये. मामले के खुलासे के बाद प्रशासन भी हरकत में आया है, और जांच कर रहा है. शीशपाल उर्फ अब्दुल्लाह ने बताया कि किसी तरह दोनों व्यक्तियों के चंगुल से छूटकर भाग निकला है। मामले का खुलासा होने के पश्चात हिंदू संगठनों ने जबरन धर्मांतरण कराने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.

बड़ौत क्षेत्र के गढ़ी कांगरान निवासी शीशपाल उर्फ अब्दुल्लाह पुत्र साधुराम ने बताया कि गांव में कुछ खेती लायक जमीन थी, लेकिन लाभ नहीं मिल रहा था. इस दौरान उसकी बड़ौत के एक मदरसे के शिक्षक से मुलाकात हुई. उसने उसे लोनी में एक हकीम से मिलवाया. जिसके बाद हकीम के पास ही वह काम करने लगा. उसकी पत्नी तीन बच्चों मुकुल (14), शिवम (13) तथा तनु (9) को छोड़कर चली गई थी. वह अपने तीनों बच्चों सहित लोनी में हकीम के पास ही रहने लगा. उसे शादी कराने का झांसा दिया, जिसमें वह आ गया. अपनी गांव की जमीन बेच दी, रुपये लेकर हकीम के पास गया, इन लोगों ने उसके पैसे हड़प लिये. हकीम और शिक्षक ने उसे धर्म बदलने के लिये कहा, मजबूरी में उसने हां कर दी. जिसके बाद उसे तीनों बच्चों सहित मुजफ्फर नगर के एक मदरसे में ले गए. यहां उनका धर्म परिवर्तन किया. उसकी शादी भी करवा दी गई. लोनी में रहने वाले एक युवक साबिर की मौत हो गई थी, बिहार के सिवान जिले की रहने वाली सबीर की पत्नी रूबी से उसका निकाह करवा दिया. यहां सभी को मुस्लिम धर्म में स्थानांतरित किया गया. उसे जमात में भी भेजा गया. उसके लड़के मुकुल उर्फ सलमान को अजमेर में स्थित मदरसे में भिजवा दिया. छोटे लड़के शिवम उर्फ समीन को पंजाब में एक मदरसे में भिजवा दिया. उसकी लड़की तनु का नाम सायरा रखा गया, वह उसके पास ही रही. पत्नी रूबी उसकी बच्ची तथा अपनी बच्ची के साथ लोनी में ही रहने लगा. वह अपने रुपये मांगता तो उसे धमकी दी जाती थी. वह किसी तरह से मदरसों से अपने बच्चों को निकाल लाया, और बड़ौत पहुंचा, यहां उसने कुछ लोगों को अपनी व्यथा बताई. भाजपा, आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद के लोग थाने लेकर गये. पीडि़त युवक ने थाने में तहरीर देकर बड़ौत तथा शामली के दो लोगों पर जबरन धर्मांरतण का आरोप लगाया. उसने बताया कि वह हिंदू धर्म में वापस आना चाहता है.

लोनी में बहुत सारे धर्मांतरित लोग

शीशपाल उर्फ अब्दुल्लाह ने बताया कि हकीम ने लोनी में उस जैसे काफी लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर धर्मांतरित किया है. वह अकेला ही वहां ऐसा नहीं था. वहां उसके चंगुल में बहुत सारे लोग हैं. उन्हें किसी न किसी तरह का लालच दे रखा है. वह वहां फंसे हुए हैं, और अब अपने घर भी नहीं जा सकते हैं. हिंदू से मुस्लिम बने शीशपाल उर्फ अब्दुल्लाह ने बताया कि वह काफी दिनों से वहां से निकल कर आना चाहता था. पांच साल से इसी माहौल में जी रहा है. गांव में अपनी जमीन बेच दी तथा परिजनों से संबंध खराब हो गये. वह मुस्लिम भी बन गया. इस शर्मिंदगी के कारण ही गांव में भी नहीं जा पा रहा था. अब वह चाहता है कि फिर से हिंदू बन जाऊं और फिर से बच्चों के लिये अपनी जिन्दगी शुरू करूं.

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