सिरसा, हरियाणा (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि धर्म ने कभी तोड़ने का काम नहीं किया है, हमेशा जोड़ा है. भारत का कोई भी धर्म तोड़ने की शिक्षा नहीं देता, बल्कि हमेशा जोड़ने का उपदेश देता है. विशाल दृष्टिकोण और आत्मीयता के सहारे भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए एक होकर काम करना होगा. पूरी दुनिया सुख-समृद्धि के साथ शांति का जो रास्ता देखना चाहती है, वह भारत से निकलेगा. सरसंघचालक जी 04 अप्रैल को नामधारी समुदाय की ओर से आयोजित हिन्दू-सिख एकता को समर्पित रामनवमी पर्व पर मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित कर रह थे.
उन्होंने कहा कि भारत से निकले हर धर्म में यही सीख मिली है कि अपनत्व के बोध को छोड़ना नहीं है, अन्याय के खिलाफ लड़ना है. दुनिया का विनाश रोकने के लिए हमें लड़ना है. धर्म में सभी को जोड़ने की बात कहते हुए सर्वत्र का भला माना गया है. भगवान श्रीराम ने सब लोगों को जोड़ा, जबकि रावण ने जोड़ने की बजाय तोड़ने का काम किया. इसलिए हजारों वर्षों बाद भी हम उन्हें याद कर रहे हैं. सरसंघचालक जी ने कहा कि मनुष्य अकेला नहीं जी सकता, इसलिए उसे दूसरे को जोड़ना पड़ेगा और बिना जोड़े वह खुश नहीं रह सकता. सभी को मिलकर राष्ट्रहित में ऐसे उपाय ढूंढने होंगे कि टूटना नहीं है, बिखरना नहीं है. कोई पराया नहीं है, सब एक हैं और एक होकर काम करेंगे. भौतिक सुख-सुविधाएं तो अनेक देशों ने हमसे अधिक खोज लीं, लेकिन एक रास्ता है जो भारत से निकला है और वह है संतोष, संतुष्टि व समाधान का. उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा विश्व को राह दिखाई है. विश्व के लोगों को भारत के पुरातन जीवन से शांति, समाधान मिला है. जैसी सांस्कृतिक धरोहरें हमारे पास हैं, दुनिया में सब देश वैसा चाहते हैं. भारत राह दिखाए और हमने राह दिखाई भी है.
सरसंघचालक जी ने कहा कि सबकुछ अपना है, बस आत्मीयता और प्रेम होना चाहिए. मिल जुलकर देश को आगे बढ़ाएं. रास्ते अलग-अलग हैं, लेकिन मंजिल सबकी एक है. उन्होंने इससे पूर्व गांव जीवननगर स्थित नामधारी डेरे के गुरुघर पहुंच कर डेरे में शीश नवाया और इसके बाद गोशाला का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान डॉ. मोहन भागवत जी ने गोपूजन किया और गायों को चारा व गुड़ खिलाया. इसके पश्चात वे नामधारी समुदाय के लोगों से मिले और क्षेत्र के बारे में चर्चा की. कार्यक्रम में बाबा ब्रह्मदास महाराज, महंत रमेश्वर दास, स्वामी अदित्यात्मानंद पुरी, स्वामी अतुल कृष्ण, बाबा यादविंद्र जीत सिंह आदि मौजूद रहे.
मंदिर बनाने का पक्षधर है नामधारी समुदाय
कार्यक्रम में नामधारी समुदाय के सतगुरु दलीप सिंह जी ने राममंदिर के मुद्दे पर कहा कि कभी राम मंदिर, काशी विश्वविद्यालय तो कभी मथुरा मंदिर ढहा दिया गया. वे इस बात के साथ खड़े हैं कि श्रीराम मंदिर बनना चाहिए. मंदिर बनाने की बात गलत नहीं है, नामधारी समुदाय के लोग मंदिर बनाने के पक्षधर हैं और उनके साथ खड़े हैं. यह हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है. उन्होंने कहा कि नामधारी समुदाय गुरुबाणी के अनुसार जीवन जीते हैं. गुरुबाणी में श्रीराम को सतगुरु लिखा गया है.