नई दिल्ली. राष्ट्रसंत मुनिश्री तरुण सागर जी आज तड़के शाहदरा (दिल्ली) के कृष्णा नगर में देवलोकगमन कर गए. बताया जा रहा है कि वो पिछले कई दिनों से पीलिया की बीमारी से ग्रसित थे, और उन्हें इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहाँ पर दवाओं ने भी उनपर काम करना बंद कर दिया था और उन्होंने भी अपना इलाज कराने से मना कर दिया था. आज (शनिवार, 01 सितंबर) तड़के करीब 3:18 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली. जैन मुनिश्री 51 साल के थे.
उनकी अंतिम यात्रा आज दिल्ली के राधे पूरी से निकाली जाएगी और अंतिम संस्कार दोपहर करीब 3 बजे दिल्ली मेरठ हाइवे पर स्थित तरुण सागर तीर्थ धाम में होगा. सन् 1967 में मध्य प्रदेश में जैन मुनि का जन्म हुआ था, सन् 1981 में ही उन्होंने अपना घर त्याग छत्तीसगढ़ में दीक्षा ली थी. मुनिश्री तरुण सागर जी के प्रसिद्ध प्रवचन ‘कड़वे बोल’ पूरे समाज को युगानुकूल दिशा देने वाले होते थे. उनके निधन से न सिर्फ उनके अनुयायियों में दुःख है, बल्कि ये समस्त देश की क्षति है कि आज एक महान संत अब हमारे बीच नहीं रहे.