मेरठ (विसंकें). दूरदर्शन दर्शक मंच द्वारा ‘दूरदर्शन की परिवार में घुसपैठ’ विषय पर गोष्ठी का आयोजन विश्व संवाद केन्द्र सूरजकुण्ड पर किया गया, जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. गगन अग्रवाल ने दूरदर्शन के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि विदेशों में 20 से 30 मिनट समय सीमा निर्धारित है, जबकि आम तौर पर व्यक्ति 4 से 5 घंटे व्यतीत कर देता है.
कार्यक्रम अध्यक्ष अनुज यादव वरिष्ठ संवाददाता दूरदर्शन ने कहा कि आम आदमी दूरदर्शऩ पर निर्भर होता जा रहा है. घर-परिवार में अधिक टीवी का उपयोग होने के कारण रिश्ते तार-तार हुए हैं. सामाजिक मूल्यों में गिरावट आई है. विभिन्न समाचार चैनल समाचार नहीं, विचारों का प्रसारण कर रहे हैं. प्राइम टाइम में लगभग सभी समाचार चैनलों पर डिबेट कार्यक्रम प्रसारित हो रहे हैं. यह केवल एजेंडा सेटिंग का कार्य कर रहे हैं. दर्शक अथवा समाज क्या चाहता है, इसकी परवाह इन्हें नहीं है.
मुख्य वक्ता राष्ट्रदेव के सम्पादक अजय मित्तल ने कहा कि आजकल मीडिया मुख्य सकारात्मक बातों को छिपाकर नकारात्मक बातों को दिखाकर समाज को दिग्भ्रमित कर रहा है, जिस पर चिंतन की आवष्यकता है. टीवी चैनल विशेषकर समाचार चैनल तथ्यों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत कर रहे हैं. यह पत्रकारिता के लिये खतरे की घंटी है. गोष्ठी में गणमान्यजन उफस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन पायल अग्रवाल ने किया तथा दूरदर्शन दर्शक मंच की संयोजक मधु वासुदेवा ने सभी का धन्यवाद किया.