करंट टॉपिक्स

पाकिस्तान में ढहाया ऐतिहासिक गुरू नानक महल

Spread the love

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान एक ओर सिक्खों के लिए बड़े-बड़े वायदे करते हैं, करतारपुर साहिब कॉरिडोर बनाने के बहाने सिक्खों को भारत के खिलाफ उकसाने का काम करते हैं. लेकिन दूसरी ओर पाकिस्तान के पंजाब सूबे में सदियों पुराने ऐतिहासिक गुरू नानक महल को ढहा दिया जाता है और सरकार एक शब्द नहीं बोलती. इससे स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान में सिक्खों की विरासत का किन मायनों में ख्याल रखा जाता है.

पिछले सप्ताह ही पंजाब के नोरोवाल जिले में सिक्खों के प्रथम गुरू गुरू नानक देव के नाम पर एक ऐतिहासिक महल को न सिर्फ तोड़-फोड़ कर ढहा दिया गया, बल्कि सरकारी विभाग की मिली भगत से स्थानीय अराजक तत्वों ने महल के कीमती दरवाजे, खिड़कियां, छत की कड़ियां भी बेच डालीं.

लाहौर शहर से करीब 100 किमी दूर बाथनवाला गांव में गुरू नानक महल कई सौ साल पुराना था. बताया जाता है कि आजादी से पहले करीब 10 हजार वर्ग फीट की जमीन पर बनी इस इमारत में बेसमेंट सहित 3 मंजिल थी. जिसमें करीब 120 कमरे बने हुए थे. इसे स्थानीय लोग, महलां या गुरू नानक दा महल के नाम से जानते थे. जिसकी दीवारों पर गुरू नानक देव सहित कई हिन्दू राजाओं-महाराजाओं की तस्वीरें थीं.

बंटवारे के बाद इस इमारत के रिहायशी सिक्खों ने जब इसे खाली कर दिया तो सरकारी महकमे की शह पर इसमें कुछ गुज्जर मुस्लिम ने कब्जा कर लिया. फिलहाल ये इमारत इसी परिवार के रांझा और पन्नू नामक शख्स के कब्जे में थी. स्थानीय नागरिकों के अनुसार इस इमारत को देखने के लिए भारत-कनाडा सहित कई देशों से सिक्ख सैलानी गांव में आया करते थे. लेकिन पाकिस्तान सरकार ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया और न ही गुंडों का कब्जा वहां से हटवाया. यहां तक कि डिप्टी कमिश्नर ने जब जांच करवाई तो रेवेन्यू डिपार्टमेंट में इस इमारत का कोई रिकॉर्ड तक नहीं था. लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने इस इमारत को Evacuee Trust Property Board (ETPB) को सौंपने की कार्रवाई शुरू कर दी है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *