नई दिल्ली. पाकिस्तान की शैतानियत के शिकार हिन्दुओं के बच्चों के उचित शिक्षा प्रबंधन हेतु विश्व हिन्दू परिषद ने कदम बढाया है. विहिप दिल्ली की प्रेरणा से चलने वाले स्वयं सेवी संगठन भगिनी निवेदिता सेवा न्यास द्वारा 150 बच्चों को पढ़ाई हेतु विद्यालय पोशाक (स्कूल यूनिफॉर्म), कॉपी, पेंसिल पेन इत्यादि की व्यवस्था की गई. न्यास के महा मंत्री महावीर प्रसाद गुप्ता ने कहा कि हमें इस बात की बेहद ख़ुशी है कि गत कुछ वर्षों के अनवरत संघर्ष के बाद ही सही कम से कम ये नन्हें मुन्ने बच्चे शिक्षा के मंदिर के दर्शन तो कर सकेंगे.
विहिप प्रवक्ता विनोद बंसल ने बताया कि लगभग पांच वर्षों से बच्चे और इनके अभिभावक बेसब्री से प्रतीक्षा में थे कि पता नहीं कब उन्हें विद्यालय के दर्शन हो पाएंगे और वे पढने जा सकेंगे. जो भी इन नन्हें मुन्ने बच्चों को देखता, एक ही प्रश्न करता कि इनके विद्यालय का प्रबंध हुआ की नहीं. सेन्ट्रल दिल्ली के मजनूं का टीला में रह रहे इन 150 हिन्दू शरणार्थी परिवारों के बच्चों के हाथों में पठन-पाठन सामग्री और पोशाक देख सिर्फ बच्चे ही नहीं, बल्कि उनके अभिभावक और स्वयंसेवी संस्थानों के प्रतिनिधि भी मंत्र मुग्ध थे. एक अभिभावक को तो विश्वास ही नहीं हो पा रहा था कि मेरे बच्चे भी विद्यालय जा सकेंगे. हालांकि बच्चों का भविष्य खराब न हो, इसलिए विश्व हिन्दू परिषद के आह्वान पर कुछ अध्यापक पार्ट टाइम तो कुछ फुल टाइम इन बच्चों में प्राथमिक शिक्षा, स्वास्थ्य, नैतिक व सांस्कृतिक, मूल्यों और स्वावलम्बन हेतु कैंपों या आसपास के मंदिरों में समय लगा रहे हैं, जहां बच्चे बड़ी रूचि के साथ पढ़ते हैं.
इस अवसर पर न्यास के महामंत्री महावीर प्रसाद गुप्ता ने बच्चों को स्कूल ड्रेस बांटी. भारत विकास परिषद, जनकपुरी द्वारा बच्चों को लेखन सामाग्री कॉपी, पेंसिल, पेन इत्यादि वितरित की गई. कार्यक्रम में समाजसेवी, गणमान्यजन उपस्थित थे.