नई दिल्ली. एक तरफ जहां भारत वैश्विक महामारी कोविड-19 से निपटने के लिए जंग लड़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ देश में साधु-संतों पर हमले हो रहे हैं. महाराष्ट्र के पालघर में संतों की हत्या के बाद अब पंजाब में संत पर जानलेवा हमला हुआ है. होशियारपुर में स्वामी पुष्पेंद्र स्वरुप को जान से मारने का प्रयास किया गया.
मामला पंजाब के होशियारपुर का है. 24 अप्रैल शुक्रवार को रात के लगभग साढ़े नौ बजे कुछ उपद्रवी स्वामी पुष्पेन्द्र स्वरुप जी के आश्रम में दीवार फांदकर घुस गए. उस समय स्वामी पुष्पेंद्र स्वरूप आश्रम में अकेले थे. तभी उपद्रवियों ने आकर उन पर हमला कर दिया. पहले लूटपाट की, इसके बाद उन पर चाकू से हमला करके लहूलुहान कर दिया. तभी शोर सुनकर आप-पास के लोगों को आते देख उपद्रवी वहां से फरार हो गए.
गंभीर रूप से घायल स्वामी पुष्पेंद्र स्वरुप को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. जहां इलाज के बाद उन्होंने पुलिस को बताया कि कुछ अज्ञात हमलावरों ने आश्रम में घुसकर उनके हाथ-पांव बांध दिए. फिर आश्रम में लूटपाट की, इसके बाद चाकू से हमला किया. स्वामी पुष्पेंद्र स्वरुप ने जानकारी दी कि उन्होंने हमलावरों से कहा कि पैसे लेकर चले जाओ, लेकिन मुझे मत मारो. इसके बावजूद हमलावरों ने उन्हें चाकू से मारा और गला भी दबाया. फिलहाल पुलिस ने स्वामी पुष्पेंद्र स्वरूप के बयान सुनकर मुकदमा दर्ज कर लिया है.
केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश ने स्वामी पुष्पेंद्र स्वरूप पर हुए हमले को लेकर ट्वीट किया तो पंजाब पुलिस ने भी ट्वीट किया कि होशियारपुर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच कर रही है. सांसद और बाबा मस्तनाथ विश्वविद्याल के कुलाधिपति योगी बालकनाथ ने भी कड़ी निंदा की और ट्वीट किया कि कांग्रेस शासित राज्यों में साधु-संत सुरक्षित क्यों नहीं हैं. आखिर साधु-संतों से किसी को क्या दिक्कत है.