पालघर. महाराष्ट्र के पालघर जिले में १६ अप्रैल को दो साधुओं की निर्ममता से हत्या कर दी गई थी. हत्याकांड मामले से जुड़े एक अधिवक्ता दिग्विजय त्रिवेदी की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई. बुधवार सुबह करीब १० बजे मेंधवन खिंड इलाके में यह सड़क दुर्घटना हुई. कार अनियंत्रित होने के कारण यह दुर्घटना हुई है.
सड़क दुर्घटना को लेकर कुछ सवालों के जवाब मिलना शेष हैं. दुर्घटना को लेकर जांच की मांग होने लगी है.
गुरुवार, १६ अप्रैल को पालघर के गढ़चिंचले गाँव में एक भीड़ ने दश पञ्चनाम जूना अखाड़ा के महंत कल्पवृक्ष गिरी जी और महंत सुशिल गिरी जी तथा उनके वाहनचालक निलेश तेलगडे की बर्बरता से हत्या कर दी गई थी. मारपीट, तथा पथराव कर पुलिस के सामने ही उन्हें मार दिया गया. पुलिस ने इस मामले में तक़रीबन १३४ लोगों को गिरफ्तार किया है. इस में ११० लोगों को हमले के तुरंत बाद गिरफ्तार किया गया. जिस में ९ लोग नाबालिग है, उन्हें बालसुधार गृह में भेजा गया है. इस हत्याकांड में स्थानीय राजनैतिक पक्षों के कार्यकर्ता सहभागी हैं, ऐसा सामने आया है. सीआईडी द्वारा गिरफ्तार किये गए लोगों में सीपीआई और राष्ट्रवादी कांग्रेस के कार्यकर्ता शामिल हैं. जानकिया बोरसा, राजेश राव, विनोद राव और रामदास राव इन चारों को सीआईडी ने गिरफ्तार किया है. चारों आरोपी वीडियो में साधुओं को पीटते हुए दिखाई दिए हैं. जानकिया राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शेष तीन सीपीआई के सक्रिय कार्यकर्ता हैं.
चारों के गिरफ्तार होने के पश्चात सीबीआई जांच की मांग होने लगी है. दो पार्टियों के सक्रिय कार्यकर्ताओं की हत्याकांड में संलिप्तता षड्यंत्र या साजिश की ओर इशारा कर रही है. पालघर में संतों की हत्या केवल गलतफहमी के कारण नहीं हुई, जैसा कि दावा किया जा रहा है.