बाहर से आए लोग ही देश विरोधी कार्यों में जुटे हैं
मुंबई (विसंकें). जनजातियों के मन में अन्य समाज के बारे में भ्रांतियां तैयार की जा रही हैं. पालघर के अनेक जिलों में देश विघातक विचारों के कुछ लोग, कुछ राजनैतिक संगठन युवाओं को भ्रमित कर रहे हैं. राज्य व्यवस्था के बारे में उनका मन, दृष्टिकोण कलुषित कर दिया है. आसपास के क्षेत्र से ऐसे देश विघातक मनोवृत्ति के लोग गांवों में जाकर युवाओं को भड़काने का काम कर रहे हैं. देश के विकास को खंडित करने का काम ये बाहर से आए हुए लोग करते हैं.
29 जनवरी, २०२० को एनआरसी, सीएए के विरोध में ‘बंद’ आयोजित किया गया था. उस दिन पालघर जिले में बाहर से आये हुए लोगो ने तलासरी तालुका के बुधवा गाँव का बाजार बंद कर दिया था, सरपंच ने यह जानकारी प्रदान की. सीएए, एनआरसी लागू न किया जाए एवं यह देश संविधान से नहीं चलता. यह देशविघातक विचार जनजाति समूह तक पहुँचाने का काम यह लोग कर रहे हैं.
जनजाति समाज शुरू से ही हिन्दू धर्म को मानता है. हिरोबा देव, हिमाय, भवानी माता यह उनके देवता हैं. इन हिन्दू देवताओं की पूजा वह करता आया है. इनके घरों में हिन्दू देवताओं की प्रतिमाएँ हैं, जिनकी पूजा होती है. इस समाज को अलग विचारों की तरफ ले जाने का कार्य यह बाहर से आये लोग कर रहे हैं. जनजातियों में शिक्षा का अभाव, उनकी गरीबी का फायदा उठाकर लोगों में विभाजन करने का कार्य चल रहा है. यह विभाजन करने वाले लोग वामपंथी हैं, कुछ लोग क्रिश्चियन हैं. संविधान का विरोध करने वाले अन्य कुछ संगठनों से आए हुए लोग हैं.
आज अनेक जनजाति लोग अपनी गरीबी से तंग आ चुके हैं. अनेक लोग अपने अज्ञान के कारण धर्म परिवर्तन कर रहे हैं. उनके भोलेपन का फायदा ये देशद्रोही समूह उठा रहा है. अपने विचारों की तरफ उन्हें आकर्षित कर रहे हैं.
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