करंट टॉपिक्स

प्रचार-प्रसार की कमी से लोकप्रिय नहीं हो रही संस्कृत

Spread the love

देहरादून (विसंके). उत्तराखण्ड के शिक्षा मंत्री श्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने स्वीकार किया है कि प्रचार-प्रसार के अभाव में संस्कृत भाषा लोकप्रिय नहीं हो रही है. इसके लिये उन्होंने संस्कृत को प्राथमिक स्तर से शुरू करने के साथ साथ और नये कदम उठाने की बात कही है.

यहां उत्तराखण्ड संस्कृत शिक्षा परिषद की वार्षिक बैठक में शिक्षा मंत्री ने संस्कृत भाषा को लोकप्रिय बनाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि संस्कृत भाषा को आम जनता की भाषा बनाने के लिये कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि परिषद की प्रथम बैठक के आयोजन का उद्देश्य लोगों में संस्कृत के प्रति आकर्षण पैदा करना है. उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा का विशेष महत्व है लेकिन प्रचार-प्रसार की कमी के कारण इसको लोकप्रिय बनाने में हम सफल नहीं हो पाये हैं. उन्होंने संस्कृत शिक्षा के प्रति छात्रों की घटती रूचि पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने बताया कि संस्कृत शिक्षा के उन्नयन पर जोर देने के लिये प्रत्येक ब्लाक में पांच-पांच प्राथमिक विद्यालय खोले जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि संस्कृत को अनिवार्य विषय के रूप मे पढ़ाने की आवश्यकता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *