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प्रयागराज कुम्भ में जनजाति समागम का आयोजन

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नई दिल्ली. अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम ने 12 से 15 फरवरी 2019 को प्रयागराज के कुम्भ मेला में “जनजाति समागम” का आयोजन किया. कल्याण आश्रम के उत्तर प्रदेश के “सेवा समर्पण संस्थान” के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में देश भर से 29 प्रान्तों के 141 जिलों से 5 हजार श्रद्धालू उपस्थित रहे.

अरुणाचल प्रदेश के तिब्बत से लगे तुत्तिंग और म्निगओं से भी कार्यक्रम में श्रद्धालू आए थे. हिमाचल प्रदेश के कई प्रतिनिधियों को इस समागम में भाग लेने हेतु 45 किमी तक बर्फ से ढके पहाड़ों को पार कर आना पड़ा.

हिमाचल से केरल तक और अरुणाचल से गुजरात तक के लगभग 100 जनजाति समुदाय के लोगों का कुम्भ में एकत्रित होना, यह पहली बार हो रहा है.

जनजाति समागम के भव्य आयोजन हेतु अर्जुन दास खत्री (अध्यक्ष), नीरज अगरवाल (मंत्री) एवं मणिराम पाल के नेतृत्व में एक आयोजन समिति का गठन हुआ था. जनजाति समागम के लिए एक प्रदर्शनी भी तैयार की गई थी. प्रदर्शनी में जनजाति समाज के सांस्कृतिक जीवन, धार्मिक आस्था, जनजातीय वीर-वीरांगना एवं समाज सुधार आदि विषयों पर विवरण के साथ चित्र लगाए हुए थे. इसके अलावा कल्याण आश्रम द्वारा देश भर में चल रहे सेवा और जागरण कार्य का भी सचित्र विवरण दिया गया था.

12 फरवरी को दोपहर 2 बजे पूज्य महामंडलेश्वर श्री रघुनाथदास महाराज के करकमलों से प्रदर्शनी का उद्घाटन हुआ. “जनजाति समागम” का उद्घाटन दोपहर 3 बजे पूज्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद महाराज ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया. पूज्य स्वामी अवधेशानंद ने जनजाति समाज के साथ बस्तर के नारायणपुर में आयोजित सम्मलेन के अनुभव साझा किये. जनजाति समाज की आस्था और संस्कृति सनातन परम्परा का अभिन्न अंग है. इस अवसर पर जनजाति समाज के पूज्य संतों का भी अभिनन्दन किया गया. जगदम्बा मल जी द्वारा लिखित ‘रानी गाईदिन्ल्यु’ एवं ‘नागावीर हाईपाउ जादोनांग’ पुस्तकों का विमोचन किया गया.

“इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र” और “सेवा समर्पण संस्थान” के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में 55 लोकनृत्य का प्रदर्शन हुआ.

14 फरवरी को संगम स्नान हेतु शोभायात्रा का आयोजन हुआ. शोभायात्रा का नेतृत्व पूज्य शंकराचार्य वासुदेवानंद जी महाराज ने किया. शोभायात्रा में पूज्य महामहामंडलेश्वर यतीन्द्रनाथ महाराज, रघुनाथ महाराज के अलावा देश भर से आए 169 जनजाति साधु संत एवं धार्मिक नेताओं ने भाग लिया.

कार्यक्रम के समापन पर सोमय्या जुलू का भाषण हुआ. पुलवामा में आतंकवादी हमले की निंदा की. “जनजाति समागम” ने बलिदानी वीरों की आत्मा की शान्ति एवं परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की.

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