डॉ. जेपी सिंह
धर्मशाला
पाकिस्तान भारत के अंदर झूठी खबरों के जरिए विद्वेष फैलाने का काम तो कई वर्षों से कर ही रहा था, अब उसने खाड़ी देशों में फेक न्यूज़ के जरिए भारतीय हितों को ठेस पहुंचाने का नया और बड़ा अभियान शुरू किया है. संभवतः युद्ध के परम्परागत मोर्चे पर अपनी कमजोर स्थिति और आर्थिक तंगहाली के कारण पाकिस्तान अब झूठ के सहारे भारत से युद्ध लड़ना चाहता है. सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट और फेक न्यूज इस नए युद्ध के मुख्य औजार हैं. पाकिस्तान का यह नया प्रोपेगंडा अभियान किसी युद्ध से कम नहीं है. इसीलिए अफगानिस्तान के एक सुरक्षा अधिकारी ने पाकिस्तान के इस नए अभियान को भारत के खिलाफ ट्विटर युद्ध की संज्ञा दी है.
कोरोना संक्रमण के दौरान पाकिस्तान ने खाड़ी देशों में अपने प्रोपेगेंडा अभियान को नई गति दी है. वह अपने फेक-न्यूज अभियान के जरिए कई निशाने एक साथ साधने की कोशिश कर रहा है. उसे लगता है कि खाड़ी देशों में फेक न्यूज़ के जरिए भारत के आर्थिक हितों को गंभीर नुकसान पहुंचाया जा सकता है. भारत की उदार छवि को बिगाड़ा जा सकता है और उम्मा के नाम पर अरब देशों का समर्थन हासिल किया जा सकता है. यहां यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान ने पूरी दुनिया में उम्मा का रोना रोया था, लेकिन उसे मुस्लिम देशों ने कोई खास तवज्जो नहीं दी थी. उस समय पाकिस्तान ने इस्लामिक दुनिया के देशों से बहुत निराशा व्यक्त की थी. पाकिस्तान इस स्थिति को अपने नए प्रोपेगेंडा वार के जरिए बदलना चाहता है.
पाकिस्तान इस नए प्रोपेगेंडा वार में एक खास रणनीति का सहारा ले रहा है. इस रणनीति के अंतर्गत अरब देशों के शाही परिवार के सदस्यों के नाम पर फर्जी अकाउंट बनाए जा रहे हैं और उसके जरिए भारत के खिलाफ जहर उगलने की कोशिश की जा रही है. जोर भारत को मुस्लिम विरोधी साबित करने पर है. और खाड़ी देशों में कार्य कर रहे भारतीय मजदूरों को वहां से निकालने की धमकी पर विशेष जोर दिया जा रहा है. हाल में घटी कुछ घटनाओं के जरिए इस पैटर्न का आसानी से समझा जा सकता है.
22 अप्रैल को ओमान की राजकुमारी मोना बिंत फहद अल सैद के पैरोडी ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट किया जाता है, जो जल्द ही वायरल हो जाता है. ट्वीट में लिखा गया था कि – ओमान भारतीय मुस्लिम भाइयों और बहनों के साथ पूरी तरह खड़ा है. यदि भारत में मुस्लिमों का उत्पीड़न नहीं बंद होता तो ओमान में कार्य कर रहे दस लाख से अधिक भारतीय मजदूरों को देश से निकाल दिया जाएगा. मैं यह मुद्दा निश्चित रूप से ओमान के सुल्तान के समक्ष उठाऊंगी.
ट्वीट को इस कदर वायरल कराया गया कि मोना बिंत फहद का सामने आकर स्पष्टीकरण देना पड़ा. उन्होंने बताया कि वायरल ट्वीट का उनसे कोई लेना देना नहीं है. मामले की गंभीरता को देखते हुए ओमान में भारत के राजदूत अम्ब मुनु महावर ने राजकुमारी का उनके स्पष्टीकरण के लिए सार्वजनिक रूप से धन्यवाद दिया. और भारत-ओमान रिश्तों के परम्परागत मजबूती का उल्लेख किया. बाद में ट्विटर ने इस फर्जी अकाउंट को सस्पेंड कर दिया. वियोन की रिपेार्ट के मुताबिक इस अकाउंट का संचालन पाकिस्तान से किया जा रहा था. इसका उद्देश्य यह संदेश देना था कि खाड़ी देशों में भारत के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है, और वह भारत में अल्पसंख्यकों के प्रश्न को लेकर अब वैश्विक स्तर पर प्रतिकिया होने लगी है.
मसला तब और गंभीर हो गया, जब अफगानिस्तान के राष्टीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता तबाव घोरजांग ने इसे भारत के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा चलाए जा रहे ट्विटर वार ठहरा दिया. उन्होंने एक ट्वीट के जरिए कहा कि अरब के शाही परिवार के सदस्यों के फर्जी अकाउंट के जरिए पांथिक विद्वेष फैलाना पाकिस्तान द्वारा भारत के खिलाफ चलाया जा रहा ट्विटर युद्ध है, भारत के लिए नया हो सकता है, हम इससे पहले ही परिचित हैं.
जिस दिन मोना बिंत फहद का ट्विटर अकाउंट सस्पेंड किया गया, उसी दिन नूरा बिंट फैसल के नाम से सक्रिय एक अन्य अंकाउंट को डिलीट कर दिया जाता है. 22 अप्रैल को इस अकाउंट से भाजपा के युवा सांसद तेजस्वी सूर्या के नाम पर फर्जी विवाद खड़ा करने की कोशिश की जाती है. और भारतीय शासन से यह मांग की जाती है कि वह तुरंत तेजस्वी सूर्या को गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
भारत-पाक संघर्ष पर नजर रखने वाले अकाउंट फ्रंटलफायर ने के अनुसार पाक खुफिया एजेंसी द्वारा ऐसे सैकड़ों फर्जी अकाउंट संचालित हो रहे है. फ्रंटलफायर के अनुसार पाक की रणनीति बिलकुल साफ है-अरब देशों के प्रभावशाली लोगों के नाम पर फर्जी अकाउंट बनाना, उनके जरिए भारत के खिलाफ विषवमन करना, अरब-भारत देशों के संबंधों में दरार पैदा करना और पाकिस्तान की अरब देशों में स्थिति को मजबूत करना. अभी तक सामने आए उदाहरण यही बताते हैं कि फ्रंटलफायर का यह आकलन बिलकुल ठीक है.
ओमान की राजकुमारी के स्पष्टीकरण ने भारत के खिलाफ चलाए जा रहे ट्विटर युद्ध को सबके सामने ला दिया है. भारत इस गैर-परम्परागत युद्ध का जवाब कैसे देता है, यह देखने योग्य बात होगी.