शिमला (विसंकें). विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल ने शिमला में उपायुक्त शिमला के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया. ज्ञापन में पालमपुर में हुए धर्मान्तरण करवाने वाले दोषियों के खिलाफ कड़ी कारवाई करने की मांग की. पिछले दिनों पालमपुर क्षेत्र के एक गांव में ईसाई मिशनरियों ने एक ही गांव के 50 से अधिक लोगों का धर्मान्तरण किया था, जिसके बाद हिन्दूवादी संगठनों में गुस्से की लहर है.
बजरंग दल जिला शिमला के संयोजक नरेश दास्टा ने बताया कि प्रांत संयोजक बजरंग दल राजेश शर्मा के नेतृत्व में शिमला में प्रदेश में बढ़ रहे धर्मान्तरण के खिलाफ ए.डी.सी. शिमला के माध्यम से प्रदेश के माननीय राज्यपाल को ज्ञापन भेजा, जिसमें प्रदेश में ईसाईयों द्वारा चलाई जा रही धर्मान्तरण की गतिविधियों पर नकेल कसने तथा राज्य सरकार से धर्म स्वतन्त्रता विधेयक में आवश्यक संशोधन करने की मांग की गई.
बजरंग दल प्रांत संयोजक राजेश शर्मा ने कहा कि पिछले लम्बे समय से प्रदेश में धर्मान्तरण की गतिविधियों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. प्रदेश के भोले-भाले हिन्दुओं को पैसे का लालच देकर, सेवा के नाम पर धर्म परिवर्तन को मजबूर किया जा रहा है. धर्मान्तरण की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए विश्व हिन्दू परिषद् सहित अन्य हिन्दूवादी संगठन लम्बे समय से सरकार व प्रशासन के समक्ष मुद्दा उठाते रहे हैं. लेकिन कार्रवाई करने के आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला. जिसका परिणाम यह हुआ कि ईसाई मिशनरियां अब पूरे प्रदेश में पैसे के बल व सेवा के नाम पर खुलेआम हिन्दुओं का धर्मान्तरण कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि ईसाई मिशनरियां पिछले लगभग दो दशक से प्रदेश में धर्मान्तरण के गोरखधंधे में लगी है. जिस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए वर्ष 2006 में उस समय की सरकार ने धर्म स्वतन्त्रता विधेयक पारित किया था, जिसके अनुसार अगर कोई भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन करता है तो उसे प्रशासन को इस संदर्भ में लिखित जानकारी देनी पड़ेगी, धर्म परिवर्तन का कारण बताना होगा, लेकिन 2011 में ईसाई मिशनरियों ने हिमाचल उच्च न्यायालय में विधेयक को चुनौती दी, विधेयक में कुछ परिवर्तन करवा दिए, जिस कारण से प्रदेश में धर्मान्तरण की गतिविधियों में आश्चर्यजनक तरीके से बढ़ोतरी हुई है.
राजेश शर्मा ने कहा कि मा. राज्यपाल तथा प्रदेश की वर्तमान सरकार से मांग की कि प्रदेश में ईसाई मिशनरियों द्वारा पैसे के बल पर धर्म परिवर्तन करवाने की गतिविधियों पर तुरंत रोक लगाई लाए, जो लोग धर्मान्तरण की गतिविधियों में संलिप्त पाए जाते हैं, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए. प्रदेश सरकार धर्म स्वतन्त्रता विधेयक कानून को अधिक कठोर बनाए, जिससे प्रदेश में धर्मान्तरण की गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके.