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बुजुर्गों, शिक्षकों को युवाओं को इतिहास के प्रति जागरूक करना होगा – अजय मित्तल जी

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d550324मेरठ (विसंकें). अजय मित्तल जी ने कहा कि ‘प्रत्येक व्यक्ति, विषय, समाज, आन्दोलन आदि का इतिहास होता है, यहां तक कि इतिहास का भी इतिहास होता है. दार्शनिक, वैज्ञानिक आदि दृष्टिकोणों की तरह ऐतिहासिक दृष्टिकोण का भी अपना महत्व है.’

अजय मित्तल एकेपी डिग्री कालेज हापुड़ में आयोजित कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे. एकेपी डिग्री कालेज के इतिहास विभाग एवं इतिहास संकलन समिति ने इतिहास के विद्वानों एवं छात्रों के लिये एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया था. जिसमें मुख्य वक्ता अजय मित्तल ने कहा कि इतिहास एक जीवन शैली है, जो प्रारम्भिक पुरातन काल से 17वीं सदी तक सभ्य समाज में व्याप्त हो गई. 19वीं सदी से प्रत्येक विषय के अध्ययन के लिये उसके विकास का ऐतिहासिक ज्ञान आवश्यक समझा जाता है. इतिहास के अध्ययन से मानव को विभिन्न क्षेत्रों का व्यावहारिक ज्ञान मिलता है. साथ ही मनुष्य की परिस्थितियों, भावों, विचारों तथा समाज की प्रवृत्तियों को समझने की शिक्षा भी मिलती है. दुर्भाग्य से आज का युवा वर्ग देश का इतिहास भूलकर पश्चिमी देशों के इतिहास की जानकारी में जुटा है. ऐसे में घर के बुजुर्ग और शिक्षकों को नयी पीढ़ी को इतिहास के प्रति जागरूक करना होगा और अपने इतिहास की सही जानकारी करानी होगी.

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. आरएस अग्रवाल, डॉ. जया शर्मा, डॉ. मनीला रोहतगी आदि ने भी अपने विचार रखे. अनेक विद्वानों ने विभिन्न विषयों पर अपने शोध प्रस्तुत किये. इस अवसर पर इतिहास संकलन समिति के प्रान्त मंत्री डॉ. विघ्नेश त्यागी, संगठन मंत्री राम अवतार, वेदभूषण आर्य, प्राचार्य डॉ. विभा भारद्वाज, सचित पीयूष बंसल, डॉ. केके शर्मा, डॉ. स्मृति दानी, डॉ. अरूणा शर्मा, डॉ. संगीता अग्रवाल, डॉ. पूनम, डॉ. आभा, डॉ. अर्चना, डॉ. सुशील भाटी, अशोक मैत्रेय, डॉ. हितेन्द्र शामिल रहे.

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